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त्वं स॒द्यो अ॑पिबो जा॒त इ॑न्द्र॒ मदा॑य॒ सोमं॑ पर॒मे व्यो॑मन्। यद्ध॒ द्यावा॑पृथि॒वी आवि॑वेशी॒रथा॑भवः पू॒र्व्यः का॒रुधा॑याः॥

English Transliteration

tvaṁ sadyo apibo jāta indra madāya somam parame vyoman | yad dha dyāvāpṛthivī āviveśīr athābhavaḥ pūrvyaḥ kārudhāyāḥ ||

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Pad Path

त्वम्। स॒द्यः। अ॒पि॒बः॒। जा॒तः। इ॒न्द्र॒। मदा॑य। सोम॑म्। प॒र॒मे। विऽओ॑मन्। यत्। ह॒। द्यावा॑पृथि॒वी इति॑। आ। अवि॑वेशीः। अथ॑। अ॒भ॒वः॒। पू॒र्व्यः। का॒रुऽधा॑याः॥

Rigveda » Mandal:3» Sukta:32» Mantra:10 | Ashtak:3» Adhyay:2» Varga:10» Mantra:5 | Mandal:3» Anuvak:3» Mantra:10


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

जिस प्रकार जन्म की सफलता हो, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं।

Word-Meaning: - हे (इन्द्र) इन्द्रियों के अधिष्ठाता जीव ! (त्वम्) आप (परमे) उत्तम (व्योमन्) आकाशवत् व्यापक आत्मज्ञान में (सद्यः) शीघ्र (जातः) प्रकट वा प्रसिद्ध हुए (मदाय) आनन्द के लिये (सोमम्) बल और बुद्धि के बढ़ानेवाले रस को (अपिबः) पीते हैं (अथ) इसके अनन्तर (यत्) जो (पूर्व्यः) पूर्व लोगों में श्रेष्ठ (कारुधायाः) शिल्पी जनों का धारणकर्त्ता (अभवः) हो वह आप (ह) निश्चय से (द्यावापृथिवी) प्रकाश और भूमि में (आ) सब ओर से (आविवेशीः) बारम्बार प्रवेश कीजिये ॥१०॥
Connotation: - हे मनुष्यो ! ब्रह्मचर्य्य से शीघ्र विद्वान् और नियमित आहार-विहार से रोगरहित हो के परमात्मा की आराधना करते हुए सृष्टि और पदार्थविद्याओं में आप सब प्रवेश करें, जिससे जन्म की सफलता हो ॥१०॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

कथं जन्मनः साफल्यं स्यादित्याह।

Anvay:

हे इन्द्र ! त्वं परमे व्योमन् सद्यो जातः सन् मदाय सोममपिबोऽथ यद्यः पूर्व्यः कारुधाया अभवः स त्वं ह द्यावापृथिवी आविवेशीः ॥१०॥

Word-Meaning: - (त्वम्) (सद्यः) शीघ्रम् (अपिबः) पिबसि (जातः) उत्पन्नः सन् (इन्द्र) इन्द्रियाऽधिष्ठातर्जीव (मदाय) आनन्दाय (सोमम्) बलबुद्धिवर्धकं रसम् (परमे) सर्वोत्कृष्टे (व्योमन्) व्यापके (यत्) यः (ह) किल (द्यावापृथिवी) प्रकाशभूमी (आ) समन्तात् (अविवेशीः) पुनः पुनराविश (अथ) आनन्तर्ये (अभवः) भवेः (पूर्व्यः) पूर्वैः कृतः (कारुधायाः) यः कारून् शिल्पीन् दधाति सः ॥१०॥
Connotation: - हे मनुष्या ब्रह्मचर्येण शीघ्रं विद्वांसो भूत्वा युक्ताऽऽहारविहारेणाऽरोगाः सन्तः परमात्मन्यासीनाः सृष्टिपदार्थविद्यासु सर्वे प्रविशन्तु येन जन्मसाफल्यं स्यात् ॥१०॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे माणसांनो! ब्रह्मचर्याने शीघ्र विद्वान बनून व नियमित आहार-विहाराने रोगरहित होऊन परमेश्वराची आराधना करीत सृष्टी व पदार्थविद्येचा अभ्यास करा, ज्यामुळे जन्म सफल होईल. ॥ १० ॥