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इ॒मा ब्रह्म॑ सरस्वति जु॒षस्व॑ वाजिनीवति। या ते॒ मन्म॑ गृत्सम॒दा ऋ॑तावरि प्रि॒या दे॒वेषु॒ जुह्व॑ति॥

English Transliteration

imā brahma sarasvati juṣasva vājinīvati | yā te manma gṛtsamadā ṛtāvari priyā deveṣu juhvati ||

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Pad Path

इ॒मा। ब्रह्म॑। स॒र॒स्व॒ति॒। जु॒षस्व॑। वा॒जि॒नी॒व॒ति॒। या। ते॒। मन्म॑। गृ॒त्स॒ऽम॒दाः। ऋ॒त॒ऽव॒रि॒। प्रि॒या। दे॒वेषु॑। जुह्व॑ति॥

Rigveda » Mandal:2» Sukta:41» Mantra:18 | Ashtak:2» Adhyay:8» Varga:10» Mantra:3 | Mandal:2» Anuvak:4» Mantra:18


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब स्त्री-पुरुष के विषय को कहते हैं।

Word-Meaning: - हे (तावरि) सत्याचरणयुक्त (वाजिनीवति) या बहुत ऐश्वर्य और अन्नादि पदार्थयुक्त (सरस्वति) बहुत विज्ञानवाली तू जैसे (गृत्समदाः) आनन्द जिन्होंने ग्रहण किया है वे (या) जिन (इमा) इन (ते) तेरे (प्रिया) मनोहर विज्ञान वा (मन्म) साधारण विद्वानों को (देवेषु) विद्या की कामना करनेवालों में (जुह्वति) स्थापन करते हैं उन (ब्रह्म) विज्ञानों को तू (जुषस्व) सेवन कर ॥१८॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है। जैसे विद्वान् पुरुष कुमार ब्रह्मचारियों को अच्छी शिक्षा से पढ़ावें, वैसे विदुषी स्त्रियाँ कुमारी ब्रह्मचारिणी स्त्रियों को अच्छी शिक्षा से पढ़ावें ॥१८॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ स्त्रीपुरुषविषयमाह।

Anvay:

हे तावरि वाजिनीवति सरस्वति त्वं यथा गृत्समदा येमा ते प्रिया मन्म देवेषु जुह्वति तानि ब्रह्म त्वं जुषस्व ॥१८॥

Word-Meaning: - (इमा) इमानि (ब्रह्म) (सरस्वति) बहुविज्ञानयुक्ते (जुषस्व) सेवस्व (वाजिनीवति) बह्वैश्वर्य्यान्नादियुक्ते (या) यानि (ते) तव (मन्म) विज्ञानानि (गृत्समदाः) गृहीताऽऽनन्दाः (तावरि) सत्याचरणयुक्ते (प्रिया) कमनीयानि विज्ञानानि (देवेषु) विद्याकामेषु (जुह्वति) स्थापयन्ति ॥१८॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। यथा विद्वांसः पुरुषाः कुमारान्ब्रह्मचारिणः सुशिक्षयाऽध्यापयेयुस्तथा विदुष्यः स्त्रियश्च कुमारीं ब्रह्मचारिणीं सम्यक् शिक्षयित्वाऽध्यापयेयुः ॥१८॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. जसे विद्वान पुरुष, कुमार, ब्रह्मचारी यांना चांगल्याप्रकारे शिकवितात तसे विदुषी स्त्रियांनी कुमारी ब्रह्मचारिणी स्त्रियांना चांगले शिक्षण द्यावे. ॥ १८ ॥