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तमु॑ स्तुष॒ इन्द्रं॒ तं गृ॑णीषे॒ यस्मि॑न्पु॒रा वा॑वृ॒धुः शा॑श॒दुश्च॑। स वस्वः॒ कामं॑ पीपरदिया॒नो ब्र॑ह्मण्य॒तो नूत॑नस्या॒योः॥

English Transliteration

tam u stuṣa indraṁ taṁ gṛṇīṣe yasmin purā vāvṛdhuḥ śāśaduś ca | sa vasvaḥ kāmam pīparad iyāno brahmaṇyato nūtanasyāyoḥ ||

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Pad Path

तम्। ऊँ॒ इति॑। स्तु॒षे॒। इन्द्र॑म्। तम्। गृ॒णी॒षे॒। यस्मि॑न्। पु॒रा। व॒वृ॒धुः। शा॒श॒दुः। च॒। सः। वस्वः॑। काम॑म्। पी॒प॒र॒त्। इ॒या॒नः। ब्र॒ह्म॒ण्य॒तः। नूत॑नस्य। आ॒योः॥

Rigveda » Mandal:2» Sukta:20» Mantra:4 | Ashtak:2» Adhyay:6» Varga:25» Mantra:4 | Mandal:2» Anuvak:2» Mantra:4


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है।

Word-Meaning: - जो जन (नूतनस्य) नवीन (आयोः) पाने योग्य (ब्रह्मण्यतः) धन की इच्छावाले और (वस्वः) धन की (कामम्) कामना को (इयानः) प्राप्त होता हुआ (पीपरत्) उसको पूरी करे वा (यस्मिन्) जिसमें (पुरा) पहिले (वावृधुः) शिष्ट जन बढ़ें और (शाशदुः) दुष्टों को नष्ट करें (तम्) उस परमेश्वर वा विद्वान् की आप (स्तुषे) प्रशंसा करते हो और (तम्,उ) उसी की (गृणीषे) स्तुति करते हो (सः) वह हमारी रक्षा करनेवाला हो ॥४॥
Connotation: - जिसके साथ सब बढ़ते और दुःखों को काटते, उसके साथ व्यवहार सब करें ॥४॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह।

Anvay:

यो नूतनस्यायोर्ब्रह्मण्यतो वस्वः काममियानः पीपरत् यस्मिन् पुरा वावृधुः शाशदुश्च तमिन्द्रं त्वं स्तुषे तमु गृणीषे सोऽस्माकं पाता भवतु ॥४॥

Word-Meaning: - (तम्) परमेश्वरं विद्वांसं वा (उ) (स्तुषे) प्रशंससि (इन्द्रम्) दुःखविच्छेत्तारम् (तम्) (गृणीषे) स्तौषि (यस्मिन्) (पुरा) (वावृधुः) वर्द्धेरन् (शाशदुः) दुष्टान् छिन्द्युः (च) (सः) (वस्वः) धनस्य (कामम्) (पीपरत्) पूरयेत् (इयानः) प्राप्नुवन् (ब्रह्मण्यतः) धनमिच्छतः (नूतनस्य) (आयोः) प्राप्तव्यस्य ॥४॥
Connotation: - येन सह सर्वे वर्द्धन्ते दुःखानि छिन्दन्ति तेन व्यवहारं सर्वे कुर्युः ॥४॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - ज्याच्याबरोबर सर्वांची वृद्धी होते, दुःखात सहभागी होता येते, त्याच्याबरोबर सर्व व्यवहार करावा. ॥ ४ ॥