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यस्मा॒न्न ऋ॒ते वि॒जय॑न्ते॒ जना॑सो॒ यं युध्य॑माना॒ अव॑से॒ हव॑न्ते। यो विश्व॑स्य प्रति॒मानं॑ ब॒भूव॒ यो अ॑च्युत॒च्युत्स ज॑नास॒ इन्द्रः॑॥

English Transliteration

yasmān na ṛte vijayante janāso yaṁ yudhyamānā avase havante | yo viśvasya pratimānam babhūva yo acyutacyut sa janāsa indraḥ ||

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Pad Path

यस्मा॑त्। न। ऋ॒ते। वि॒ऽजय॑न्ते। जना॑सः। यम्। युध्य॑मानाः। अव॑से। हव॑न्ते। यः। विश्व॑स्य। प्र॒ति॒ऽमान॑म्। ब॒भूव॑। यः। अ॒च्यु॒त॒ऽच्युत्। सः। ज॒ना॒सः॒। इन्द्रः॑॥

Rigveda » Mandal:2» Sukta:12» Mantra:9 | Ashtak:2» Adhyay:6» Varga:8» Mantra:4 | Mandal:2» Anuvak:2» Mantra:9


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब ईश्वर और बिजुली के विषय को अगले मन्त्र में कहा है।

Word-Meaning: - हे (जनासः) मनुष्यो ! (जनासः) विद्वान् जन (यस्मात्) जिससे (ते) विना (न) नहीं (विजयन्ते) विजय को प्राप्त होते हैं (यम्) जिसको (युध्यमानाः) युद्ध करते हुए (अवसे) रक्षा आदि के लिये (हवन्ते) ग्रहण करते हैं (यः) जो (विश्वस्य) संसार का (प्रतिमानम्) परिमाणसाधक (यः) जो (अच्युतच्युत्) स्थिर पदार्थों को चलानेवाला (बभूव) होता (सः) वह (इन्द्रः) परमैश्वर्यवान् परमेश्वर है, यह जानना चाहिये ॥९॥
Connotation: - इस मन्त्र में श्लेषालङ्कार है। जो परमेश्वर की उपासना नहीं करते, बिजुली की विद्या को नहीं जानते, वे विजयशील नहीं होते। जो यह विश्व और जो सब पदार्थों का रूपमात्र है, वह परमेश्वर और बिजुली का विज्ञान करानेवाला है ॥९॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथेश्वरविद्युद्विषयमाह।

Anvay:

हे जनासो विद्वांसो जनासो यस्मादृते न विजयन्ते यं युध्यमाना अवसे हवन्ते यो विश्वस्य प्रतिमानं योऽच्युतच्युद्बभूव स इन्द्रोऽस्तीति विजानन्तु ॥९॥

Word-Meaning: - (यस्मात्) (न) (ते) विना (विजयन्ते) (जनासः) योद्धारः (यम्) (युध्यमानाः) (अवसे) रक्षणाय (हवन्ते) (यः) परमेश्वरो विद्वन् वा (विश्वस्य) संसारस्य (प्रतिमानम्) परिमाणसाधकः (बभूव) भवति (यः) (अच्युतच्युत्) योऽच्युतेषु च्यवते ताँश्च्यावयति (सः) (जनासः) (इन्द्रः) ॥९॥
Connotation: - अत्र श्लेषालङ्कारः। ये परमेश्वरन्नोपासते विद्युद्विद्यां न जयन्ति ते विजयिनो न भवन्ति यदिदं विश्वं यच्च रूपं तत्सर्वं परमेश्वरस्य विद्युतो विज्ञापकमस्ति ॥९॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात श्लेषालंकार आहे. जे परमेश्वराची उपासना करीत नाहीत, विद्युत विद्या जाणत नाहीत, ते विजयी होत नाहीत. विश्वातील पदार्थांचे रूप हे परमेश्वर व विद्युत विज्ञान जाणवून देणारे आहे. ॥ ९ ॥