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यत्ते॒ पर्व॑तान्बृह॒तो मनो॑ ज॒गाम॑ दूर॒कम् । तत्त॒ आ व॑र्तयामसी॒ह क्षया॑य जी॒वसे॑ ॥

English Transliteration

yat te parvatān bṛhato mano jagāma dūrakam | tat ta ā vartayāmasīha kṣayāya jīvase ||

Pad Path

यत् । ते॒ । पर्व॑तान् । बृ॒ह॒तः । मनः॑ । ज॒गाम॑ । दूर॒कम् । तत् । ते॒ । आ । व॒र्त॒या॒म॒सि॒ । इ॒ह । क्षया॑य । जी॒वसे॑ ॥ १०.५८.९

Rigveda » Mandal:10» Sukta:58» Mantra:9 | Ashtak:8» Adhyay:1» Varga:21» Mantra:3 | Mandal:10» Anuvak:4» Mantra:9


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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (ते) हे मानसिक रोगी ! तेरा (यत्-मनः) जो मन (बृहतः पर्वतान् दूरकं जगाम) बड़े-बड़े पर्वतों के प्रति कल्पना से दूर चला गया है (ते तत्……) पूर्ववत् ॥९॥
Connotation: - मानसरोगग्रस्त मनुष्य जब भ्रान्त-सी अवस्था में अपने को पहाड़ों पर भटकता हुआ अनुभव करे और वैसी ही बातें करे, तो उसे भी सान्त्वनापूर्ण आश्वासनों से शान्त करे ॥९॥
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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (ते) हे मानसरोगग्रस्त जन !  तव (यत्-मनः) यन्मनः (बृहतः पर्वतान्) महतः पर्वतान् प्रति कल्पनया दूरकं जगाम दूरं गतम् (ते तत्……) पूर्ववत् ॥९॥