Go To Mantra

यत्ते॒ चत॑स्रः प्र॒दिशो॒ मनो॑ ज॒गाम॑ दूर॒कम् । तत्त॒ आ व॑र्तयामसी॒ह क्षया॑य जी॒वसे॑ ॥

English Transliteration

yat te catasraḥ pradiśo mano jagāma dūrakam | tat ta ā vartayāmasīha kṣayāya jīvase ||

Pad Path

यत् । ते॒ । चत॑स्रः । प्र॒ऽदिशः॑ । मनः॑ । ज॒गाम॑ । दूर॒कम् । तत् । ते॒ । आ । व॒र्त॒या॒म॒सि॒ । इ॒ह । क्षया॑य । जी॒वसे॑ ॥ १०.५८.४

Rigveda » Mandal:10» Sukta:58» Mantra:4 | Ashtak:8» Adhyay:1» Varga:20» Mantra:4 | Mandal:10» Anuvak:4» Mantra:4


Reads times

BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (ते) हे मानसरोगग्रस्त मनुष्य ! तेरा (यत्-मनः) जो मन (चतस्रः-प्रदिशः-दूरकं जगाम) चारों प्रधान दिशाओं के प्रति दूर चला गया है। (ते तत्……) पूर्ववत् ॥४॥
Connotation: - मानसिक रोग के रोगी का मन जब कभी पूर्व, कभी पश्चिम, कभी उत्तर, कभी दक्षिण दिशा सम्बन्धी बातें क्षण-क्षण में बदल कर करे, तो उस ऐसे भ्रान्त मनवाले को उचित आश्वासनों द्वारा स्वस्थ एवं शान्त बनाएँ ॥४॥
Reads times

BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (ते) हे मानसरोगग्रस्त जन ! तव (यत्-मनः) यदन्तःकरणम् (चतस्रः प्रदिशः-दूरकं जगाम) चतस्रः प्रधाना दिशः प्रति दूरं गतम् (ते तत्……) पूर्ववत् ॥४॥