Go To Mantra

वि॒द्मा ते॑ अग्ने त्रे॒धा त्र॒याणि॑ वि॒द्मा ते॒ धाम॒ विभृ॑ता पुरु॒त्रा । वि॒द्मा ते॒ नाम॑ पर॒मं गुहा॒ यद्वि॒द्मा तमुत्सं॒ यत॑ आज॒गन्थ॑ ॥

English Transliteration

vidmā te agne tredhā trayāṇi vidmā te dhāma vibhṛtā purutrā | vidmā te nāma paramaṁ guhā yad vidmā tam utsaṁ yata ājagantha ||

Mantra Audio
Pad Path

वि॒द्म । ते॒ । अ॒ग्ने॒ । त्रे॒धा । त्र॒याणि॑ । वि॒द्म । ते॒ । धाम॑ । विऽभृ॑ता । पु॒रु॒ऽत्रा । वि॒द्म । ते॒ । नाम॑ । प॒र॒मम् । गुहा॑ । यत् । वि॒द्म । तम् । उत्स॑म् । यतः॑ । आ॒ऽज॒गन्थ॑ ॥ १०.४५.२

Rigveda » Mandal:10» Sukta:45» Mantra:2 | Ashtak:7» Adhyay:8» Varga:28» Mantra:2 | Mandal:10» Anuvak:4» Mantra:2


Reads times

BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (अग्ने) हे अग्नि ! (ते त्रेधा त्रयाणि विद्म) तेरे तीन प्रकार के तीन स्वरूपों को हम जानें (ते पुरुत्रा विभृता धाम विद्म) तेरे बहुत प्रकार से फैले हुए स्थानों को, खनिज वस्तुओं को जानें-जानते हैं (ते परमं नाम यत्-गुहा विद्म) तेरे अत्यन्त अभीष्ट प्रशंसनीय स्वरूप को जो विज्ञान क्रिया में है, उसे हम जानें (तम्-उत्सं यतः-आजगन्थ विद्म) उस स्रोत को भी हम जानें, जहाँ से तू उत्पन्न होता है ॥२॥
Connotation: - मनुष्य जैसे अन्य-अन्य विज्ञानों में कुशलता प्राप्त करता है, वैसे-वैसे उसे अग्निविज्ञान में भी कुशलता प्राप्त करनी चाहिए। अर्थात् अग्नि के भिन्न-भिन्न रूप और उसके भिन्न-भिन्न उत्पत्तिस्थान तथा खनिज पदार्थ जिनसे अग्नि उत्पन्न होती है, उन्हें भी जानना चाहिए ॥२॥
Reads times

BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (अग्ने) हे अग्ने ! (ते त्रेधा त्रयाणि विद्म) तव त्रिविधानि त्रीणि स्वरूपाणि सम्यगुपयोगतो जानीयाम (ते पुरुत्रा विभृता धाम विद्म) तव बहुत्र विधृतानि धामानि स्थानानि खनिजानि वस्तूनि जानीयाम (ते परमं नाम यत् गुहा विद्म) तव परममभीष्टतमं नाम प्रशंसनीयं स्वरूपं यद् विज्ञानक्रियायां तज्जानीयाम “गुहा बुद्धौ विज्ञाने” [ऋ० १।६७।४ दयानन्दः] (तम्-उत्सं यतः-आजगन्थ विद्म) तमुत्स्यन्दयितारमाशयं जानीयाम यत आगच्छसि ॥२॥