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अ॒द्येदु॒ प्राणी॒दम॑मन्नि॒माहापी॑वृतो अधयन्मा॒तुरूध॑: । एमे॑नमाप जरि॒मा युवा॑न॒महे॑ळ॒न्वसु॑: सु॒मना॑ बभूव ॥

English Transliteration

adyed u prāṇīd amamann imāhāpīvṛto adhayan mātur ūdhaḥ | em enam āpa jarimā yuvānam aheḻan vasuḥ sumanā babhūva ||

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Pad Path

अ॒द्य । इत् । ऊँ॒ इति॑ । प्र । आ॒णी॒त् । अम॑मन् । इ॒मा । अहा॑ । अपि॑ऽवृतः । अ॒ध॒य॒त् । मा॒तुः । ऊधः॑ । आ । ई॒म् । ए॒न॒म् । आ॒प॒ । ज॒रि॒मा । युवा॑नम् । अहे॑ळन् । वसुः॑ । सु॒ऽमनाः॑ । ब॒भू॒व॒ ॥ १०.३२.८

Rigveda » Mandal:10» Sukta:32» Mantra:8 | Ashtak:7» Adhyay:7» Varga:30» Mantra:3 | Mandal:10» Anuvak:3» Mantra:8


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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (अद्य-इत्-उ) अभी जो (प्र आनीत्) स्त्री के गर्भ में आया हुआ आत्मा प्राण लेता है (इमा-अहा-अपिवृतः-अमीमन्) इस गर्भवास के दिनों में गर्भ के अन्दर रहता हुआ अपने को मानता है-अनुभव करता है, फिर बाहर आकर (मातुः-ऊधः-अधयत्) अपनी माता के स्तन को पीता है (एनं युवानम्-ईम्-जरिमा-आ-आप) इस युवा होते हुए को फिर जरावस्था प्राप्त होती है, तो भी जब तक जीता है, (अहेळन् वसुः सुमनाः बभूव) उस जरावस्था का अनादर न करता हुआ शरीर में वसा रहता हुआ प्रसन्न मनवाला होता है ॥८॥
Connotation: - आत्मा जैसे ही गर्भ में रहता है, प्राण लेना-श्वास लेना आरम्भ कर देता है। गर्भ में रहता हुआ अपने को अनुभव करता है। गर्भ से बाहर आकर माता के स्तन को पीता है, पुनः युवा बनता है, फिर जरावस्था को प्राप्त हुआ भी उसका अनादर न करता हुआ भी शरीर में प्रसन्न रहता है ॥८॥
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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (अद्य-इत्-ऊ) सम्प्रत्येव हि खलु (प्राणीत्) गृहिण्या गर्भे प्राप्त आत्मा प्राणिति (इमा-अहा-अपिवृतः-अममन्) इमानि गर्भवासभवानि दिनानि गर्भान्तर्हितः सन् स्वात्मानं मन्यते, अथ बहिरागत्य (मातुः-ऊधः-अधयत्) स्वमातुः स्तनं पिबति (एनं युवानम्-ईम्-जरिमा-आ-आप) एतं युवानं सन्तं पुनर्जरावस्था प्राप्नोति तथापि यावज्जीवति (अहेळन् वसुः सुमनाः बभूव) तां जरावस्थामनाद्रियमाणोऽपि “हेडृ अनादरे” [भ्वादि०] शरीरं वसिता वासशीलः प्रसन्नमना भवति ॥८॥