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गर्भं॑ धेहि सिनीवालि॒ गर्भं॑ धेहि सरस्वति । गर्भं॑ ते अ॒श्विनौ॑ दे॒वावा ध॑त्तां॒ पुष्क॑रस्रजा ॥

English Transliteration

garbhaṁ dhehi sinīvāli garbhaṁ dhehi sarasvati | garbhaṁ te aśvinau devāv ā dhattām puṣkarasrajā ||

Pad Path

गर्भ॑म् । धे॒हि॒ । सि॒नी॒वा॒लि॒ । गर्भ॑म् । धे॒हि॒ । स॒र॒स्व॒ति॒ । गर्भ॑म् । ते॒ । अ॒श्विनौ॑ । दे॒वौ । आ । ध॒त्ता॒म् । पुष्क॑रऽस्रजा ॥ १०.१८४.२

Rigveda » Mandal:10» Sukta:184» Mantra:2 | Ashtak:8» Adhyay:8» Varga:42» Mantra:2 | Mandal:10» Anuvak:12» Mantra:2


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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (सिनीवालि) हे पूर्व अमावास्या चतुर्दशी के अन्त में होनेवाली तिथि या प्रेमबद्ध बल देनेवाली सखी ! (गर्भं धेहि) गर्भ धारण करा, गर्भ की रक्षा कर (सरस्वति) हे उत्तर अमावास्या या प्रशस्त गृहविज्ञानयुक्त वृद्धदेवि ! (गर्भं धेहि) गर्भ को धारण करा या गर्भपोषण की विधि को बतला (ते) तेरे लिए (पुष्करस्रजा) अन्तरिक्ष में होनेवाले (अश्विनौ) सूर्यचन्द्र देव (गर्भम्-आ धत्ताम्) गर्भ को धारण कराते हैं या कराओ ॥२॥
Connotation: - स्त्री में गर्भधारण कराने और बढ़ाने के निमित्त अमावास्या का पूर्वभाग और उत्तरभाग ये निमित्त बनें तथा घर में रहनेवाली बल सहायता देनेवाली सेविका तथा ज्ञानवृद्धा सास आदि ज्ञान देनेवाली होती हैं तथा सूर्य चन्द्रमा भी उनके उचित प्रकाश और चाँदनी का सेवन सहायक होते हैं ॥२॥
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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (सिनीवालि गर्भं धेहि) हे पूर्वेऽमावास्ये चतुर्दश्यन्तिमे तिथे ! “या पूर्वाऽमावास्या सा सिनीवाली” [मै० सं० ४।३।५] यद्वा प्रेमबद्धे बलकारिणि “सिनीवालि सिनी प्रेमबद्धा बलकारिणी च तत्सम्बुद्धौ” [यजु० ३४।१० दयानन्दः] गर्भं स्थापय धारय वा (सरस्वति गर्भं धेहि) हे उत्तरे अमावास्ये ! “अमावास्या वै-सरस्वती” [मै० १।४।१५] यद्वा प्रशस्तगृहविज्ञानयुक्ते विदुषि ! स्त्रि ! “सरस्वति प्रशस्तगृहविज्ञानयुक्ते” [यजु ३९।२ दयानन्दः] त्वं गर्भं स्थापय यद्वा धारय (ते) तुभ्यम् “पुष्करम्-स्रजा-अश्विनौ देवौ गर्भम्-आधत्ताम्) पुष्करेऽन्तरिक्षे सृष्टौ “पुष्करम्-अन्तरिक्षनाम” [निघ० १।३] सूर्याचन्द्रमसौ “अश्विनौ सूर्याचन्द्रमसावित्येके” [निरु० १२।१] गर्भमाधारयताम् ॥२॥