उ॒षा अप॒ स्वसु॒स्तम॒: सं व॑र्तयति वर्त॒निं सु॑जा॒तता॑ ॥
English Transliteration
uṣā apa svasus tamaḥ saṁ vartayati vartaniṁ sujātatā ||
Pad Path
उ॒षाः । अप॑ । स्वसुः॑ । तमः॑ । सम् । व॒र्त॒य॒ति॒ । व॒र्त॒निम् । सु॒ऽजा॒तता॑ ॥ १०.१७२.४
Rigveda » Mandal:10» Sukta:172» Mantra:4
| Ashtak:8» Adhyay:8» Varga:30» Mantra:4
| Mandal:10» Anuvak:12» Mantra:4
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BRAHMAMUNI
Word-Meaning: - (उषाः) जैसे प्रातःकाल की उषा (स्वसुः) बहनरूप रात्रि के (तमः) अन्धकार को (अप वर्तयति) हटाती है, ऐसे ही उषा कान्तिवाली गृहदेवी (स्वसुः) अर्थात् अच्छी प्रेरणा करनेवाली सास के शोकान्धकार को उसके पुत्रोत्पादन से अपवर्तयति-दूर करती है (सुजातता) सुप्रसिद्धि से घर में सुप्रतिष्ठित हो जाने से (वर्तनिम्) बर्ताव-व्यवहार को (सं वर्तयति) सम्यक् चलाती है, अवकाश को पूरा करती है ॥४॥
Connotation: - गृहदेवी सास की प्रेरणा प्राप्त करे, पुत्रादि उत्पन्न कर सास के शोक को दूर करे और दोनों परस्पर मेल से रहें और घर में प्रतिष्ठित होकर व्यवहार को भली प्रकार चलावें, प्रत्येक कार्य की पूर्ति करें ॥४॥
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BRAHMAMUNI
Word-Meaning: - (उषाः स्वसुः-तमः-अपवर्तयति ) यथा-उषाः-रात्रिरूपाया भगिन्या अन्धकारमपगमयति तथा कान्तिमती गृहदेवी स्वसुः सुष्ठु- प्रेरिकायाः पति-मातुः-“स्वसा सु-असा” [निरु० ११।३२] शोकान्धकारं-तत्पौत्रोत्पादनेन दूरीकरोति (सुजातता) सुजाततया सुप्रसिद्धतया (वर्तनिं संवर्तयति) वर्तनं व्यवहारं सम्यगाचरति-अवकाशं पूरयति ॥४॥