त्वमि॑न्द्राभि॒भूर॑सि॒ विश्वा॑ जा॒तान्योज॑सा । स विश्वा॒ भुव॒ आभ॑वः ॥
English Transliteration
tvam indrābhibhūr asi viśvā jātāny ojasā | sa viśvā bhuva ābhavaḥ ||
Pad Path
त्वम् । इ॒न्द्र॒ । अ॒भि॒ऽभूः । अ॒सि॒ । विश्वा॑ । जा॒तानि॑ । ओज॑सा । सः । विश्वा॑ । भुवः॑ । आ । अ॒भ॒वः॒ ॥ १०.१५३.५
Rigveda » Mandal:10» Sukta:153» Mantra:5
| Ashtak:8» Adhyay:8» Varga:11» Mantra:5
| Mandal:10» Anuvak:12» Mantra:5
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BRAHMAMUNI
Word-Meaning: - (इन्द्र) हे परमेश्वर वा राजन् ! (त्वम्) तू (ओजसा) आत्मबल से (विश्वा जातानि) सब प्रसिद्ध हुई वस्तुओं पर (अभिभूः-असि) अभिभविता-अधिकर्त्ता है (सः) वह तू (विश्वाः-भुवः) सारी लोकभूमियों को या बढ़ी-चढ़ी शत्रुसेनाओं को (आभवः) स्वाधीन करता है या कर ॥५॥
Connotation: - परमात्मा सब उत्पन्न हुई वस्तुओं पर अधिकार करता है और सब लोकभूमियों को अपने अधीन रखता है और चलाता है, इसी प्रकार राजा राष्ट्र की समस्त खनिज वस्तुओं पर अधिकार करे तथा बढ़ी-चढ़ी शत्रु की सेना पर भी अपना प्रभाव रखे ॥५॥
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BRAHMAMUNI
Word-Meaning: - (इन्द्र त्वम्) हे परमेश्वर ! राजन् वा ! त्वम् (ओजसा विश्वा जातानि-अभिभूः-असि) आत्मबलेन सर्वाणि प्रसिद्धिं गतानि वस्तूनि खल्वभिभविता-भवसि (सः-विश्वाः-भुवः-आभवः) स त्वं सर्वाः-लोक-भूमीः-भवित्रीः शत्रुसेनाः-वा स्वाधीने करोषि कुरु वा ॥५॥