Word-Meaning: - यहाँ से अरण्यानी का स्वरूप कहा जाता है। (वृषरवाय वदते) मन में सुखवर्षक शब्द या निरन्तर मेघवर्षण की भाँति मधुर शब्द करनेवाले पङ्खवाले सुक्ष्मजन्तु भिल्ली, झिङ्गुर झिङ्गा नामवाले बोलते हुए वीणावाद्य के समान (चिच्विकः-यत्-उपावति) चिच्-चिक् ऐसा श्ब्दानुकरण थोड़ा ठहर-ठहर कर करनेवाला पक्षहीन सूक्ष्म जन्तु वृक्ष से चिपटा हुआ पूर्व झिङ्गुर के शब्द को अनुपोषित करता है (आघाटिभिः-इव) सस्वर उच्चारण करनेवाले गायकों की भाँति (धावयन्) स्वर को प्रसारित करते हैं, इस प्रकार विविध बाजे गानों के द्वारा (अरण्यानि महीयते) अरण्यानी प्रशस्त की जाती है ॥२॥
Connotation: - मन में सुख वर्षानेवाले मेघवर्षण के समान मधुर ध्वनि करनेवाला झिङ्गुर और उसका अनुपोषण शब्द करनेवाला चिच् चिक् वृक्ष से लिपटा हुआ सूक्ष्म जन्तु सस्वर गाने जैसे उच्चारण करनेवाला सूक्ष्म जन्तु जहाँ इस प्रकार गाना बजाना कर रहे होते हैं, वह अरण्यानी है, जो जङ्गल में घूमनेवालों के लिए बहुत रुचिकर है ॥२॥