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अ॒न्तरि॑क्षेण पतति॒ विश्वा॑ रू॒पाव॒चाक॑शत् । मुनि॑र्दे॒वस्य॑देवस्य॒ सौकृ॑त्याय॒ सखा॑ हि॒तः ॥

English Transliteration

antarikṣeṇa patati viśvā rūpāvacākaśat | munir devasya-devasya saukṛtyāya sakhā hitaḥ ||

Pad Path

अ॒न्तरि॑क्षेण । प॒त॒ति॒ । विश्वा॑ । रू॒पा । अ॒व॒ऽचाक॑शत् । मुनिः॑ । दे॒वस्य॑ऽदेवस्य । सौकृ॑त्याय । सखा॑ । हि॒तः ॥ १०.१३६.४

Rigveda » Mandal:10» Sukta:136» Mantra:4 | Ashtak:8» Adhyay:7» Varga:24» Mantra:4 | Mandal:10» Anuvak:11» Mantra:4


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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (मुनिः) मननीय सूर्य (अन्तरिक्षेण पतति) आकाश से प्राप्त होता है (देवस्य देवस्य) प्रत्येक ग्रह के (विश्वा रूपा) सब रूपों को (अवचाकशत्) प्रकाशित करता है (सौकृत्याय) शोभन गति कार्य के हेतु (सखा हितः) सखा बना हुआ ॥४॥
Connotation: - सूर्य आकाश में प्राप्त होता है, तो प्रत्येक ग्रह के सब रूपों को प्रकाशित करता है उनके सुन्दर गतिकार्य के लिये सखा बना हुआ ॥४॥
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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (मुनिः) मननीयः सूर्यः (अन्तरिक्षेण पतति) अन्तरिक्षेण गच्छति प्राप्नोति वा (देवस्य देवस्य) प्रत्येकग्रहस्य (विश्वा रूपा-अवचाकशत्) सर्वाणि रूपाणि प्रकाशयति (सौकृत्याय) शोभनगतिकार्यस्य हेतवे (सखा हितः) सखा हितः सन् ॥४॥