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उन्म॑दिता॒ मौने॑येन॒ वाताँ॒ आ त॑स्थिमा व॒यम् । शरी॒रेद॒स्माकं॑ यू॒यं मर्ता॑सो अ॒भि प॑श्यथ ॥

English Transliteration

unmaditā mauneyena vātām̐ ā tasthimā vayam | śarīred asmākaṁ yūyam martāso abhi paśyatha ||

Pad Path

उत्ऽम॑दिता । मौने॑येन । वाता॑न् । आ । त॒स्थि॒म॒ । व॒यम् । शरी॑रा । इत् । अ॒स्माक॑म् । यू॒यम् । मर्ता॑सः । अ॒भि । प॒श्य॒थ॒ ॥ १०.१३६.३

Rigveda » Mandal:10» Sukta:136» Mantra:3 | Ashtak:8» Adhyay:7» Varga:24» Mantra:3 | Mandal:10» Anuvak:11» Mantra:3


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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (मौनेयेन) मननीय सूर्य के द्वारा (उन्मदिताः) उत्कृष्ट हर्षित-प्रकाशित हुए (वयं वातान्-आ तस्थिम) गतिप्रद वायुओं-वातसूत्रों को आश्रित करके हम भलीभाँति ठहरे हुए हैं आकाश में (यूयं मर्त्तासः) हे ! तुम मनुष्यो ! (अस्माकं शरीराणि-इत्) हमारे बाहिरी शरीर आकार को ही (अभि पश्यथ) देखते हो, विशिष्ट नहीं जानते हो ॥३॥
Connotation: - आलङ्कारिक भाषा में आकाश के ग्रह बोलते हैं-मननीय सूर्य के द्वारा ग्रह प्रकाशित होते हैं, गतिप्रद वातसूत्रों के आश्रित आकाश में गति करते हैं, मनुष्य केवल उन बाहिरी रूप को देखते हैं, परन्तु अन्दर के स्वरूप को नहीं जानते हैं ॥३॥
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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (मौनेयेन) मननीयसूर्येण (उन्मदिताः) उत्कृष्टं हर्षिताः प्रकाशिताः (वयं वातान्-आ तस्थिम) वयं वायून्-आश्रित्य समन्तात् स्थिताः-ग्रहाः (यूयं मर्त्तासः) हे मनुष्या (अस्माकं शरीरा-इत्) अस्माकं शरीराणि हि बाह्याकारान् हि (अभि पश्यथ) अभिपश्यत न विशिष्टं जानीथ ॥३॥