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स त्वम॑ग्ने॒ प्रती॑केन॒ प्रत्यो॑ष यातुधा॒न्य॑: । उ॒रु॒क्षये॑षु॒ दीद्य॑त् ॥

English Transliteration

sa tvam agne pratīkena praty oṣa yātudhānyaḥ | urukṣayeṣu dīdyat ||

Pad Path

सः । त्वम् । अ॒ग्ने॒ । प्रती॑केन । प्रति॑ । ओ॒ष॒ । या॒तु॒ऽधा॒न्यः॑ । उ॒रु॒ऽक्षये॑षु । दीद्य॑त् ॥ १०.११८.८

Rigveda » Mandal:10» Sukta:118» Mantra:8 | Ashtak:8» Adhyay:6» Varga:25» Mantra:3 | Mandal:10» Anuvak:10» Mantra:8


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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (अग्ने) हे अग्रणेता परमात्मन् ! या भौतिक अग्नि ! (सः-त्वम्) वह तू (यातुधान्यः) यातना धारण करानेवाली-देनेवाली-प्राणिजातियों को या रोगजातियों को (प्रतीकेन) प्रत्यक्त-प्रभावकारी प्रताप से लगनेवाले तेज से (प्रति-ओष) दग्ध कर (उरुक्षयेषु) बहुत स्थानों-मनुष्यों के हृदयों में या घरों में (दीद्यत्) प्रकाशमान होता हुआ ॥८॥
Connotation: - अग्रणेता परमात्मा दुःख देनेवाली प्राणिजातियों को अपने प्रताप से नष्ट करता है मनुष्यों के हृदय में प्रकाशित होकर, या अग्नि दुःख देनेवाली रोगजातियों को होमयज्ञों में ज्वलित हुआ जलता हुआ अपनी लपट से नष्ट करता है ॥८॥
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BRAHMAMUNI

Word-Meaning: - (अग्ने) हे अग्रणेतः ! परमात्मन् ! भौतिकाग्ने ! वा (सः-त्वम्) स त्वं (यातुधान्यः) यातनां धारयन्तीः प्राणिजातीः-रोगजातीर्वा (प्रतीकेन प्रति-ओष) प्रत्यक्तेन प्रतापेन संलग्नतेजसा वा प्रति दह “उष दाहे” [भ्वादि०] (उरुक्षयेषु दीद्यत्) बहुनिवासस्थानेषु जनानां हृदयेषु गृहेषु वा साक्षात्प्रकाशमानः ॥८॥