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वि नः॑ प॒थः सु॑वि॒ताय॑ चि॒यन्त्विन्द्रो॑ म॒रुतः॑। पू॒षा भगो॒ वन्द्या॑सः ॥

English Transliteration

vi naḥ pathaḥ suvitāya ciyantv indro marutaḥ | pūṣā bhago vandyāsaḥ ||

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Pad Path

वि। नः॒। प॒थः। सु॒वि॒ताय॑। चि॒यन्तु॑। इन्द्रः॑। म॒रुतः॑। पू॒षा। भगः॑। वन्द्या॑सः ॥

Rigveda » Mandal:1» Sukta:90» Mantra:4 | Ashtak:1» Adhyay:6» Varga:17» Mantra:4 | Mandal:1» Anuvak:14» Mantra:4


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर वे कैसे वर्त्तें, यह उपदेश अगले मन्त्र में कहा है ॥

Word-Meaning: - जो (इन्द्रः) विद्या और ऐश्वर्ययुक्त वा (पूषा) दूसरे का पोषण पालन करनेवाला (भगः) और उत्तम भाग्यशाली (वन्द्यासः) स्तुति और सत्कार करने योग्य (मरुतः) मनुष्य हैं वे (नः) हम लोगों को (सुविताय) ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिये (पथः) उत्तम मार्गों को (वि चियन्तु) नियत करें ॥ ४ ॥
Connotation: - मनुष्यों को चाहिये कि विद्वानों से ऐश्वर्य, पुष्टि और सौभाग्य पाकर उस सौभाग्य की योग्यता को औरों को भी प्राप्त करावें ॥ ४ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्ते कथं वर्त्तेरन्नित्युपदिश्यते ॥

Anvay:

य इन्द्रः पूषा भगश्च वन्द्यासो मरुतस्ते नोऽस्मान् सुविताय पथो विचियन्तु ॥ ४ ॥

Word-Meaning: - (वि) विशेषार्थे (नः) अस्मान् (पथः) उत्तममार्गान् (सुविताय) ऐश्वर्यप्राप्तये (चियन्तु) चिन्वन्तु। अत्र बहुलं छन्दसीति विकरणलुक् इयङादेशश्च। (इन्द्रः) विद्यैश्वर्यवान् (मरुतः) मनुष्याः (पूषा) पोषकः (भगः) सौभाग्यवान् (वन्द्यासः) स्तोतव्याः सत्कर्त्तव्याश्च ॥ ४ ॥
Connotation: - विद्वद्भिर्मनुष्यैरैश्वर्यं पुष्टिं सौभाग्यं प्राप्यान्येऽपि तादृशा सौभाग्यवन्तः कर्त्तव्याः ॥ ४ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - माणसांनी विद्वानांकडून ऐश्वर्य, पुष्टी व सौभाग्य प्राप्त करावे व ते सौभाग्य इतरांनाही प्राप्त करून द्यावे. ॥ ४ ॥