अत्राह॒ गोर॑मन्वत॒ नाम॒ त्वष्टु॑रपी॒च्य॑म्। इ॒त्था च॒न्द्रम॑सो गृ॒हे ॥
atrāha gor amanvata nāma tvaṣṭur apīcyam | itthā candramaso gṛhe ||
अत्र॑। अह॑। गोः। अ॒म॒न्व॒त॒। नाम॑। त्वष्टुः॑। अ॒पी॒च्य॑म्। इ॒त्था। च॒न्द्रम॑सः। गृ॒हे ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अब राजा का सूर्य के समान करने योग्य कर्म का उपदेश अगले मन्त्र में किया है ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अथ राज्ञः सूर्यवत्कृत्यमुपदिश्यते ॥
हे राजादयो मनुष्या ! यूयं यथाऽत्र नाम गोश्चन्द्रमसस्त्वष्टुरपीच्यमस्तीत्थामन्वत तथाऽह न्यायप्रकाशाय प्रजागृहे वर्त्तध्वम् ॥ १५ ॥
MATA SAVITA JOSHI
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