आदित्ते॒ विश्वे॒ क्रतुं॑ जुषन्त॒ शुष्का॒द्यद्दे॑व जी॒वो जनि॑ष्ठाः ॥
ād it te viśve kratuṁ juṣanta śuṣkād yad deva jīvo janiṣṭhāḥ ||
आत्। इत्। ते॒। विश्वे॑। क्रतु॑म्। जु॒ष॒न्त॒। शुष्का॑त्। यत्। दे॒व॒। जी॒वः। जनि॑ष्ठाः ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
फिर जगदीश्वर कैसा है, इस विषय का उपदेश अगले मन्त्र में किया है ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
पुनर्जगदीश्वरः कीदृश इत्युपदिश्यते ॥
हे देव जगदीश्वर ! त्वामाश्रित्य यद्ये विश्वे सर्वे जनिष्ठाः सपन्तो विद्वांस एवैः शुष्कान् ते देवत्वं क्रतुं नाम जुषन्त ते ऋतममृतं भजन्त सेवन्ते तथा जीव आदिरेतत्सर्वं प्रयत्नेन प्राप्नुयात् ॥ २ ॥
MATA SAVITA JOSHI
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