चो॒द॒यि॒त्री सू॒नृता॑नां॒ चेत॑न्ती सुमती॒नाम्। य॒ज्ञं द॑धे॒ सर॑स्वती॥
codayitrī sūnṛtānāṁ cetantī sumatīnām | yajñaṁ dadhe sarasvatī ||
चो॒द॒यि॒त्री। सू॒नृता॑नाम्। चेत॑न्ती। सु॒ऽम॒ती॒नाम्। य॒ज्ञम्। द॒धे॒। सर॑स्वती॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
ईश्वर ने वह वाणी किस प्रकार की है, इस बात का उपदेश अगले मन्त्र में किया है-
SWAMI DAYANAND SARSWATI
पुनः सा कीदृशीत्युपदिश्यते।
या सूनृतानां सुमतीनां विदुषां चेतन्ती चोदयित्री सरस्वत्यस्ति, सैव वेदविद्या संस्कृता वाक् यज्ञं दधे दधाति॥११॥
MATA SAVITA JOSHI
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