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आ॒य॒जी वा॑ज॒सात॑मा॒ ता ह्यु१॒॑च्चा वि॑जर्भृ॒तः। हरी॑इ॒वान्धां॑सि॒ बप्स॑ता॥

English Transliteration

āyajī vājasātamā tā hy uccā vijarbhṛtaḥ | harī ivāndhāṁsi bapsatā ||

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Pad Path

आ॒य॒जी इत्या॑ऽय॒जी। वा॒ज॒ऽसात॑मा। ता। हि। उ॒च्चा। वि॒ऽज॒र्भृ॒तः। हरी॑ इ॒वेति॒ हरी॑ऽइव। अन्धां॑सि। बप्स॑ता॥

Rigveda » Mandal:1» Sukta:28» Mantra:7 | Ashtak:1» Adhyay:2» Varga:26» Mantra:2 | Mandal:1» Anuvak:6» Mantra:7


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर मुसल और उलूखल कैसे हैं, इस विषय का उपदेश अगले मन्त्र में किया है॥

Word-Meaning: - (आयजी) जो अच्छे प्रकार पदार्थों को प्राप्त होनेवाले (वाजसातमा) संग्रामों को जीतते हैं (ता) वे स्त्री पुरुष (अन्धांसि) अन्नों को (बप्सता) खाते हुए (हरी) घोड़ों के (इव) समान उलूखल आदि से (उच्चा) जो अति उत्तम काम हैं, उनको (विजर्भृतः) अनेक प्रकार से सिद्धकर धारण करते रहें॥७॥
Connotation: - इस मन्त्र में उपमालङ्कार है। जैसे खानेवाले घोड़े रथ आदि को वहते हैं, वैसे ही मुसल और ऊखरी से पदार्थों को अलग-अलग करने आदि अनेक कार्यों को सिद्ध करते हैं॥७॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्मुसलोलूखले कीदृशस्त इत्युपदिश्यते॥

Anvay:

यावायजी वाजसातमौ स्तस्तौ स्त्रीपुरुषावन्धांसि बप्सन्तौ भक्षयन्तौ हरीइव मुसलोलूखलादिभ्य उच्चा उत्कृष्टानि कार्याणि विजर्भृतः॥७॥

Word-Meaning: - (आयजी) समन्ताद् यज्यन्ते सङ्गम्यन्ते पदार्था याभ्यां तौ स्त्रीपुरुषौ। अत्र बाहुलकादौणादिकः करणकारके इः प्रत्ययः। (वाजसातमा) वाजान् युद्धसमूहान् सनन्ति सम्भज्य विजयन्ते याभ्यां तावतिशायितौ। अत्र सर्वत्र सुपां सुलुग्० इत्याकारादेशः। (ता) तौ (हि) खलु (उच्चा) उत्कृष्टानि कार्याणि। अत्र शेश्छन्दसि इति शेर्लोपः। (विजर्भृतः) विविधं धरतः (हरीइव) यथाऽश्वौ तथा (अन्धांसि) अन्नानि। अन्ध इत्यन्ननामसु पठितम्। (निघं०२.७) (बप्सता) बप्सन्तौ। अत्र भसभर्त्सनदीप्योरित्यस्माल्लटः शत्रादेशः। घसिभसोर्हलि च। (अष्टा०६.४.१००) अनेनोपधालोपः सुगममन्यत्। भस धातोर्भर्त्सन इत्यर्थो नवीनो भक्षण इति प्राचीनोऽर्थः॥७॥
Connotation: - अत्रोपमालङ्कारः। यथा भक्षणकर्त्तारावश्वौ यानादीनि वहतस्तथैव मुसलोलूखले बहूनि विभागकरणादीनि कार्याणि प्रापयत इति॥७॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात उपमालंकार आहे. जसे घोडे, रथ इत्यादीचे वहन करतात तसेच मुसळ व उखळातून पदार्थांना वेगवेगळे करणे इत्यादी क्रिया सिद्ध केल्या जातात. ॥ ७ ॥