त्वं विश्व॑स्य मेधिर दि॒वश्च॒ ग्मश्च॑ राजसि। स याम॑नि॒ प्रति॑ श्रुधि॥
tvaṁ viśvasya medhira divaś ca gmaś ca rājasi | sa yāmani prati śrudhi ||
त्वम्। विश्व॑स्य। मे॒धि॒र॒। दि॒वः। च॒। ग्मः। च॒। रा॒ज॒सि॒। सः याम॑नि॒। प्रति॑। श्रु॒धि॒॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
फिर वह परमात्मा कैसा है, इस विषय का उपदेश अगले मन्त्र में किया है॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
पुनः स ईश्वरः कीदृश इत्युपदिश्यते।
हे मेधिर वरुण ! त्वं यथा यो जगदीश्वरो दिवश्च ग्मश्च विश्वस्य यामनि राजति, सोऽस्माकं स्तुतिं प्रतिशृणोति तथैतन्मध्ये राजसि राजेः स्तुतिं प्रतिश्रुधि शृणु॥२०॥
MATA SAVITA JOSHI
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