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ए॒त उ॒ त्ये प्रत्य॑दृश्रन्प्रदो॒षं तस्क॑रा इव। अदृ॑ष्टा॒ विश्व॑दृष्टा॒: प्रति॑बुद्धा अभूतन ॥

English Transliteration

eta u tye praty adṛśran pradoṣaṁ taskarā iva | adṛṣṭā viśvadṛṣṭāḥ pratibuddhā abhūtana ||

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Pad Path

ए॒ते। ऊँ॒ इति॑। त्ये। प्रति॑। अ॒दृ॒श्र॒न्। प्र॒ऽदो॒षम्। तस्क॑राःऽइव। अदृ॑ष्टाः। विश्व॑ऽदृष्टाः। प्रति॑ऽबुद्धाः। अ॒भू॒त॒न॒ ॥ १.१९१.५

Rigveda » Mandal:1» Sukta:191» Mantra:5 | Ashtak:2» Adhyay:5» Varga:14» Mantra:5 | Mandal:1» Anuvak:24» Mantra:5


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - (त्ये) वे (एते) (उ) ही पूर्वोक्त विषधर वा विष (प्रदोषम्) रात्रि के आरम्भ में (तस्कराइव) जैसे चोर वैसे (प्रत्यदृश्रन्) प्रतीति से दिखाई देते हैं। हे (अदृष्टाः) दृष्टिपथ न आनेवालो वा (विश्वदृष्टाः) सबके देखे हुए विषधारियो ! तुम (प्रतिबुद्धाः) प्रतीत ज्ञान से अर्थात् ठीक समय से युक्त (अभूतन) होओ ॥ ५ ॥
Connotation: - इस मन्त्र में उपमालङ्कार है। जैसे चोरों में डाँकू देखे और न देखे होते हैं, वैसे मनुष्य नाना प्रकार के प्रसिद्ध-अप्रसिद्ध विषधारियों वा विषों को जानें ॥ ५ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

त्य एते उ प्रदोषं तस्कराइव प्रत्यदृश्रन्। हे अदृष्टा विश्वदृष्टा यूयं प्रतिबुद्धा अभूतन ॥ ५ ॥

Word-Meaning: - (एते) विषधरा विषा वा (उ) वितर्के (त्ये) (प्रति) (अदृश्रन्) दृश्यन्ते (प्रदोषम्) रात्र्यारम्भे (तस्कराइव) यथा चोराः (अदृष्टाः) ये न दृश्यन्ते (विश्वदृष्टाः) विश्वैः सर्वैर्दृष्टाः (प्रतिबुद्धाः) प्रतीतेन ज्ञानेन युक्ताः (अभूतन) भवन्ति ॥ ५ ॥
Connotation: - अत्रोपमालङ्कारः। यथा चोरेषु दस्यवो दृष्टा इतर अदृष्टाः सन्ति। तथा जना विविधान् प्रसिद्धाऽप्रसिद्धान् विषधारिणो विषान् वा जानन्तु ॥ ५ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात उपमालंकार आहे. जसे चोरांमध्ये काही डाकू, दृष्ट व काही अदृष्ट असतात तसे माणसांनी नाना प्रकारच्या प्रसिद्ध, अप्रसिद्ध विषधाऱ्यांना किंवा विषांना जाणावे. ॥ ५ ॥