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ये त्वा॑ देवोस्रि॒कं मन्य॑मानाः पा॒पा भ॒द्रमु॑प॒जीव॑न्ति प॒ज्राः। न दू॒ढ्ये॒३॒॑ अनु॑ ददासि वा॒मं बृह॑स्पते॒ चय॑स॒ इत्पिया॑रुम् ॥

English Transliteration

ye tvā devosrikam manyamānāḥ pāpā bhadram upajīvanti pajrāḥ | na dūḍhye anu dadāsi vāmam bṛhaspate cayasa it piyārum ||

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Pad Path

ये। त्वा॒। दे॒व॒। उ॒स्रि॒कम्। मन्य॑मानाः। पा॒पाः। भ॒द्रम्। उ॒प॒ऽजीव॑न्ति। प॒ज्राः। न। दुः॒ऽध्ये॑। अनु॑। द॒दा॒सि॒। वा॒मम्। बृह॑स्पते। चय॑से। इत्। पिया॑रुम् ॥ १.१९०.५

Rigveda » Mandal:1» Sukta:190» Mantra:5 | Ashtak:2» Adhyay:5» Varga:12» Mantra:5 | Mandal:1» Anuvak:24» Mantra:5


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे (देव) विद्वान् ! (ये) जो (मन्यमानाः) विज्ञानवान् (पापाः) अधर्माचारी (पज्राः) प्राप्त हुए जन (उस्रिकम्) गौओं के साथ विचरते उन (भद्रम्) कल्याणरूपी (त्वा) आपके (उप, जीवन्ति) समीप जीवित हैं वे आपकी शिक्षा पाने योग्य हैं। हे (बृहस्पते) बड़े विद्वानों की पालना करनेवाले जो आप (ढूढ्ये) दुष्ट—बुरा विचार करनेवाले को (न, अनु, ददासि) अनुक्रम से सुख नहीं देते (वामम्) प्रशंसित (पियारुम्) पान की इच्छा करनेवाले को (इत्) ही (चयसे) प्राप्त होते वे आप सभों को उपदेश देओ ॥ ५ ॥
Connotation: - जो विद्वान् जन अपने निकटवर्त्ती अज्ञ, अभिमानी, पापी जनों को उपदेश दे धार्मिक करते हैं, वे कल्याण को प्राप्त होते हैं ॥ ५ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

हे देव विद्वन् ये मन्यमानाः पापाः पज्रा उस्रिकं भद्रं त्वा त्वामुपजीवन्ति ते त्वया शासनीयाः। हे बृहस्पते यस्त्वं ढूढ्ये सुखं नानुददासि वामं पियारुमिच्चयसे स त्वं सर्वानुपदिश ॥ ५ ॥

Word-Meaning: - (ये) (त्वा) त्वाम् (देव) विद्वन् (उस्रिकम्) य उस्राभिर्गोभिश्चरति तम् (मन्यमानाः) विजानन्तः (पापाः) अधर्माचरणाः (भद्रम्) कल्याणरूपिणम् (उपजीवन्ति) (पज्राः) प्राप्ताः। अत्र वर्णव्यत्ययेन दस्य जः। (न) (ढूढ्ये) यो दुष्टं ध्यायति विचारयति तस्मै। अत्र चतुर्थ्यर्थे सप्तमी। (अनु) (ददासि) (वामम्) प्रशस्यम्। वाममिति प्रशस्यना०। निघं० ३। ८। (बृहस्पते) बृहतां विदुषां पालक (चयसे) प्राप्नोषि (इत्) एव (पियारुम्) पानेच्छुकम् ॥ ५ ॥
Connotation: - ये विद्वांसः स्वसन्निहितानज्ञानाभिमानिनः पापाचारानुपदिश्य धार्मिकान् कुर्वन्ति ते कल्याणमाप्नुवन्ति ॥ ५ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जे विद्वान लोक आपल्या निकटवर्ती अज्ञानी, अभिमानी, पापी लोकांना उपदेश करून धार्मिक करतात, त्यांचे कल्याण होते. ॥ ५ ॥