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विश्वा॑नि भ॒द्रा म॑रुतो॒ रथे॑षु वो मिथ॒स्पृध्ये॑व तवि॒षाण्याहि॑ता। अंसे॒ष्वा व॒: प्रप॑थेषु खा॒दयोऽक्षो॑ वश्च॒क्रा स॒मया॒ वि वा॑वृते ॥

English Transliteration

viśvāni bhadrā maruto ratheṣu vo mithaspṛdhyeva taviṣāṇy āhitā | aṁseṣv ā vaḥ prapatheṣu khādayo kṣo vaś cakrā samayā vi vāvṛte ||

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Pad Path

विश्वा॑नि। भ॒द्रा। म॒रु॒तः॒। रथे॑षु। वः॒। मि॒थ॒स्पृध्या॑ऽइव। त॒वि॒षाणि॑। आऽहि॑ता। अंसे॑षु। आ। वः॒। प्रऽप॑थेषु। खा॒दयः॑। अक्षः॑। वः॒। च॒क्रा। स॒मया॑। वि। व॒वृ॒ते॒ ॥ १.१६६.९

Rigveda » Mandal:1» Sukta:166» Mantra:9 | Ashtak:2» Adhyay:4» Varga:2» Mantra:4 | Mandal:1» Anuvak:23» Mantra:9


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे (मरुतः) पवनों के समान वली सज्जनो ! (वः) तुम्हारे (रथेषु) रमणीय यानों में (विश्वानि) समस्त (भद्रा) कल्याण करनेवाले (मिथस्पृध्येव) संग्रामों में जैसे परस्पर सेना है वैसे (तविषाणि) बल (आहिता) सब ओर से धरे हुए हैं (वः) तुम्हारे (अंसेषु) स्कन्धों में उक्त बल है तथा (प्रपथेषु) उत्तम सीधे मार्गों में (खादयः) खाने योग्य विशेष भक्ष्य भोज्य पदार्थ हैं (वः) तुम्हारे (अक्षः) रथ का अक्षभाग धुरी (चक्रा) पहियों के (समया) समीप (आ, वि, ववृते) विविध प्रकार से प्रत्यक्ष वर्त्तमान है ॥ ९ ॥
Connotation: - इस मन्त्र में उपमालङ्कार है। जो आप बलवान्, कल्याण के आचरण करनेवाले, सुमार्गगामी, परिपूर्ण धन सेनादि सहित हैं, वे प्रत्यक्ष शत्रुओं को जीत सकते हैं ॥ ९ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

हे मरुतो वो रथेषु विश्वानि भद्रा मिथस्पृध्येव तविषाण्याहिता सन्ति वोंऽसेषु च प्रपथेषु खादयः सन्ति वोऽक्षश्चक्रा समयाऽऽवि ववृते ॥ ९ ॥

Word-Meaning: - (विश्वानि) सर्वाणि (भद्रा) कल्याणकारकानि (मरुतः) वायुवद्बलिनः (रथेषु) रमणीयेषु यानेषु (वः) युष्माकम् (मिथस्पृध्येव) यथा परस्परं पृत्सु संग्रामेषु भवा सेना तद्वत् (तविषाणि) बलानि (आहिता) समन्ताद्धृतानि (अंसेषु) स्कन्धेषु भुजेषु (आ) (वः) युष्माकम् (प्रपथेषु) प्रकृष्टेषु सरलेषु मार्गेषु (खादयः) खाद्यानि भक्षविशेषाणि (अक्षः) रथ्यो भागः (वः) युष्माकम् (चक्रा) चक्राणि (समया) निकटे (वि) (ववृते) वर्त्तते। अत्र तुजादीनामिति अभ्यासदीर्घः ॥ ९ ॥
Connotation: - अत्रोपमालङ्कारः। ये स्वयं बलिष्ठाः कल्याणाचाराः सुमार्गगामिनः परिपूर्णधनसेनादिसहिताः सन्ति तेंऽजसा शत्रून् विजेतुं शक्नुवन्ति ॥ ९ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात उपमालंकार आहे. जे स्वतः बलवान, कल्याणमय वर्तन करणारे, सुमार्गगामी, परिपूर्ण धन व सेना यांनी युक्त असतात, ते प्रत्यक्ष शत्रूंना जिंकू शकतात. ॥ ९ ॥