Go To Mantra

अनु॑त्त॒मा ते॑ मघव॒न्नकि॒र्नु न त्वावाँ॑ अस्ति दे॒वता॒ विदा॑नः। न जाय॑मानो॒ नश॑ते॒ न जा॒तो यानि॑ करि॒ष्या कृ॑णु॒हि प्र॑वृद्ध ॥

English Transliteration

anuttam ā te maghavan nakir nu na tvāvām̐ asti devatā vidānaḥ | na jāyamāno naśate na jāto yāni kariṣyā kṛṇuhi pravṛddha ||

Mantra Audio
Pad Path

अनु॑त्तम्। आ। ते॒। म॒घ॒व॒न्। नकिः॑। नु। न। त्वाऽवा॑न्। अ॒स्ति॒। दे॒वता॑। विदा॑नः। न। जाय॑मानः। नश॑ते। न। जा॒तः। यानि॑। क॒रि॒ष्या। कृ॒णु॒हि। प्र॒ऽवृ॒द्धः॒ ॥ १.१६५.९

Rigveda » Mandal:1» Sukta:165» Mantra:9 | Ashtak:2» Adhyay:3» Varga:25» Mantra:4 | Mandal:1» Anuvak:23» Mantra:9


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे (मघवन्) परमधनवान् विद्वान् ! (ते) आपका (अनुत्तम्) न प्रेरणा किया हुआ (नकिः) नहीं कोई विद्यमान है और (त्वावान्) तुम्हारे सदृश और (देवता) दिव्य गुणवाला (विदानः) विद्वान् (न) नहीं (अस्ति) है। तथा (जायमानः) उत्पन्न होनेवाला (नु) शीघ्र (न) नहीं (नशते) नष्ट होता (जातः) उत्पन्न हुआ भी (न) नहीं नष्ट होता। हे (प्रवृद्ध) अत्यन्त विद्या से प्रतिष्ठा को प्राप्त आप (यानि) जो (करिष्या) करने योग्य काम हैं उनको शीघ्र (आ कृणुहि) अच्छे प्रकार करिये ॥ ९ ॥
Connotation: - जैसे अन्तर्यामी ईश्वर से अव्याप्त कुछ भी नहीं विद्यमान है, न कोई उसके सदृश उत्पन्न होता न उत्पन्न हुआ और न होगा न वह नष्ट होता है किन्तु ईश्वरभाव से अपने कर्त्तव्य कामों को करता है, वैसे ही विद्वानों को होना और जानना चाहिये ॥ ९ ॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

हे मघवन् ते तवाऽनुत्तं नकिर्विद्यते त्वावानन्यो देवता विदानो नास्ति जायमानो नु न नशते जातो न नशते। हे प्रवृद्ध त्वं यानि करिष्या सन्ति तानि न्वाकृणुहि ॥ ९ ॥

Word-Meaning: - (अनुत्तम्) अप्रेरितम् (आ) समन्तात् (ते) तव (मघवन्) परमधनयुक्त (नकिः) निषेधे (नु) शीघ्रे (न) (त्वावान्) त्वया सदृशः (अस्ति) (देवता) दिव्यगुणः (विदानः) विद्वान् (न) (जायमानः) उत्पद्यमानः (नशते) नश्यति (न) (जातः) उत्पन्नः (यानि) (करिष्या) कर्त्तुं योग्यानि। अत्र सुपां सुलुगिति डादेशः। (कृणुहि) कुरु (प्रवृद्ध) अतिशयेन विद्यया प्रतिष्ठित ॥ ९ ॥
Connotation: - यथाऽन्तर्यामिण ईश्वरात्किंचिदव्याप्तं न विद्यते न कश्चित्तत्सदृशो जायते न जातो न जनिष्यते न नश्यति कर्त्तव्यानि कार्याणि करोति तथैव विद्वद्भिर्भवितव्यं वेदितव्यं च ॥ ९ ॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जसे अंतर्यामी ईश्वरापासून अव्याप्त काही नाही. त्याच्यासारखा कोणी उत्पन्न होत नाही व उत्पन्न झालेला नाही, उत्पन्न होणार नाही, नष्ट होणार नाही. जसा ईश्वर कर्तव्य कर्म करतो तसे विद्वानांनी असले पाहिजे व जाणले पाहिजे. ॥ ९ ॥