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अतो॑ व॒यम॑न्त॒मेभि॑र्युजा॒नाः स्वक्ष॑त्रेभिस्त॒न्व१॒॑: शुम्भ॑मानाः। महो॑भि॒रेताँ॒ उप॑ युज्महे॒ न्विन्द्र॑ स्व॒धामनु॒ हि नो॑ ब॒भूथ॑ ॥

English Transliteration

ato vayam antamebhir yujānāḥ svakṣatrebhis tanvaḥ śumbhamānāḥ | mahobhir etām̐ upa yujmahe nv indra svadhām anu hi no babhūtha ||

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Pad Path

अतः॑। व॒यम्। अ॒न्त॒मेभिः॑। यु॒जा॒नाः। स्वऽक्ष॑त्रेभिः। त॒न्वः॑। शुम्भ॑मानाः। महः॑ऽभिः। एता॑न्। उप॑। यु॒ज्म॒हे॒। नु। इन्द्र॑। स्व॒धाम्। अनु॑। हि। नः॒। ब॒भूथ॑ ॥ १.१६५.५

Rigveda » Mandal:1» Sukta:165» Mantra:5 | Ashtak:2» Adhyay:3» Varga:24» Mantra:5 | Mandal:1» Anuvak:23» Mantra:5


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे (इन्द्र) परमैश्वर्ययुक्त पुरुष ! जिस कारण आप (हि) ही (नः) हमारे (स्वधाम्) अन्न और जल का (अनु, बभूथ) अनुभव करते हैं (अतः) इससे (वयम्) हम लोग (एतान्) इन पदार्थों को (युजानाः) युक्त और (स्वक्षत्रेभिः) अपने राज्यों में (तन्वः) शरीरों को (शुम्भमानाः) शुभगुणयुक्त करते हुए (अन्तमेभिः) समीपस्थ (महोभिः) अत्यन्त बड़े कामों से (नु) शीघ्र (उप, युज्महे) उपयोग लेते हैं ॥ ५ ॥
Connotation: - जो शरीर से बल और आरोग्ययुक्त धार्मिक बलिष्ठ विद्वानों से सब कामों का समाधान करते हुए सबके सुख के लिये वर्त्तमान अत्यन्त राज्य के न्याय के लिये उपयोग करते हैं, वे शीघ्र धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की सिद्धि को प्राप्त होते हैं ॥ ५ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

हे इन्द्र यतस्त्वं हि नस्स्वधामनु बभूथैतानुप युङ्क्षेऽतो वयमेतांश्च युजानाः स्वक्षत्रेभिस्तन्वः शुम्भमाना अन्तमेभिर्महोभिर्नूप युज्महे ॥ ५ ॥

Word-Meaning: - (अतः) अस्माद्धेतोः (वयम्) (अन्तमेभिः) समीपस्थैः। अन्तमानामित्यन्तिकना०। निघं० २। १६। (युजानाः) (स्वक्षत्रेभिः) स्वकीयै राज्यैः (तन्वः) तनूः (शुम्भमानाः) शुभगुणाढ्याः सम्पादयन्तः (महोभिः) महत्तमैः (एतान्) (उप) (युज्महे) समादधीमहि। अत्र बहुलं छन्दसीति श्यनो लुक्। (नु) शीघ्रम् (इन्द्र) परमैश्वर्ययुक्त (स्वधाम्) अन्नमुदकं वा (अनु) (हि) किल (नः) अस्माकम् (बभूथ) भवसि ॥ ५ ॥
Connotation: - ये शरीरेण बलारोग्ययुक्ता धार्मिकैर्बलिष्ठैर्विद्वद्भिः सर्वाणि कर्माणि समादधानाः सर्वेषां सुखाय वर्त्तमाना महद्राज्यन्यायायोपयुञ्जते ते सद्यो धर्मार्थकाममोक्षसिद्धिमाप्नुवन्ति ॥ ५ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - ज्यांचे शरीर व बल आरोग्ययुक्त असते ते धार्मिक बलवान विद्वानांकडून सर्व कामांबद्दल शंका निरसन करून घेतात. सर्वांच्या सुखासाठी व महान राज्याच्या न्यायासाठी त्याचा उपयोग करून धर्म, अर्थ, काम, मोक्षाची सिद्धी प्राप्त करतात. ॥ ५ ॥