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तस्या॑: समु॒द्रा अधि॒ वि क्ष॑रन्ति॒ तेन॑ जीवन्ति प्र॒दिश॒श्चत॑स्रः। तत॑: क्षरत्य॒क्षरं॒ तद्विश्व॒मुप॑ जीवति ॥

English Transliteration

tasyāḥ samudrā adhi vi kṣaranti tena jīvanti pradiśaś catasraḥ | tataḥ kṣaraty akṣaraṁ tad viśvam upa jīvati ||

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Pad Path

तस्याः॑। स॒मु॒द्राः। अधि॑। वि। क्ष॒र॒न्ति॒। तेन॑। जी॒व॒न्ति॒। प्र॒ऽदिशः॑। चत॑स्रः। ततः॑। क्ष॒र॒ति॒। अ॒क्षर॑म्। तत्। विश्व॑म्। उप॑। जी॒व॒ति॒ ॥ १.१६४.४२

Rigveda » Mandal:1» Sukta:164» Mantra:42 | Ashtak:2» Adhyay:3» Varga:22» Mantra:2 | Mandal:1» Anuvak:22» Mantra:42


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब वाणी के विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! (तस्याः) उस वाणी के (समुद्राः, अधि, वि, क्षरन्ति) शब्दरूपी अर्णव समुद्र अक्षरों की वर्षा करते हैं (तेन) उस काम से (चतस्रः) चारों (प्रदिशः) दिशा और चारों उपदिशा (जीवन्ति) जीवती हैं और (ततः) उससे जो (अक्षरम्) न नष्ट होनेवाला अक्षरमात्र (क्षरति) वर्षता है (तत्) उससे (विश्वम्) समस्त जगत् (उप, जीवति) उपजीविका को प्राप्त होता है ॥ ४२ ॥
Connotation: - समुद्र के समान आकाश है उसके बीच रत्नों के समान शब्द शब्दों के प्रयोग करनेवाले रत्नों का ग्रहण करनेवाले हैं, उन शब्दों के उपदेश सुनने से सबकी जीविका और सबका आश्रय होता है ॥ ४२ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ वाणीविषयमाह ।

Anvay:

हे मनुष्यास्तस्याः समुद्रा अधि वि क्षरन्ति तेन चतस्रः प्रदिशो जीवन्ति ततो यदक्षरं क्षरति तद्विश्वमुप जीवति ॥ ४२ ॥

Word-Meaning: - (तस्याः) वाण्याः (समुद्राः) शब्दाऽर्णवाः (अधि) (वि) (क्षरन्ति) अक्षराणि वर्षन्ति (तेन) कार्येण (जीवन्ति) (प्रदिशः) दिशोपदिशः (चतस्रः) चतुःसंख्योपेताः (ततः) (क्षरति) (अक्षरम्) अक्षयस्वभावम् (तत्) तस्मात् (विश्वम्) सर्वं जगत् (उप) (जीवति) अयं मन्त्रो निरुक्ते व्याख्यातः । निरु० ११। ४१। ॥ ४२ ॥
Connotation: - समुद्रवदाकाशस्तत्र रत्नवच्छब्दाः प्रयोक्तारो ग्रहीतारस्तदुपदेशश्रवणेन सर्वेषामुपजीवनं भवति ॥ ४२ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - आकाश समुद्राप्रमाणे असते. त्यात शब्द रत्नाप्रमाणे असतात. शब्दांचा प्रयोग करणारे हे रत्न ग्रहण करणारे असतात. त्या शब्दांचा उपदेश ऐकून सर्वांना उपजीविका मिळते व आश्रय मिळतो. ॥ ४२ ॥