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ता वां॑ नरा॒ स्वव॑से सुजा॒ता हवा॑महे अश्विना॒ नाध॑मानाः। आ न॒ उप॒ वसु॑मता॒ रथे॑न॒ गिरो॑ जुषा॒णा सु॑वि॒ताय॑ यातम् ॥

English Transliteration

tā vāṁ narā sv avase sujātā havāmahe aśvinā nādhamānāḥ | ā na upa vasumatā rathena giro juṣāṇā suvitāya yātam ||

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Pad Path

ता। वा॒म्। न॒रा॒। सु। अव॑से। सु॒ऽजा॒ता। हवा॑महे। अ॒श्वि॒ना॒। नाध॑मानाः। आ। नः॒। उप॑। वसु॑ऽमता। रथे॑न। गिरः॑। जु॒षा॒णा। सु॒वि॒ताय॑। यातम् ॥ १.११८.१०

Rigveda » Mandal:1» Sukta:118» Mantra:10 | Ashtak:1» Adhyay:8» Varga:19» Mantra:5 | Mandal:1» Anuvak:17» Mantra:10


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे (सुजाता) श्रेष्ठ विद्याग्रहण करने आदि उत्तम कामों में प्रसिद्ध हुए (गिरः) शुभ वाणियों का (जुषाणा) सेवन और (अश्विना) प्रजा के अङ्गों की पालना करनेवाले (नरा) न्याय में प्रवृत्त करते हुए स्त्री-पुरुषो ! (नाधमानाः) जिनको कि बहुत ऐश्वर्य्य मिला वे हम जिन (वाम्) तुम लोगों को (अवसे) रक्षा आदि के लिये (सु, हवामहे) सुन्दरता से बुलावें (ता) वे तुम (वसुमता) जिसमें प्रशंसित सुवर्ण आदि धन विद्यमान है, उस (रथेन) मनोहर विमान आदि यान से (नः) हम लोगों को (सुविताय) ऐश्वर्य्य के लिये (उप, आ, यातम्) आ मिलो ॥ १० ॥
Connotation: - प्रजाजनों के स्त्री-पुरुषों से जो राजपुरुष प्रीति को पावें, प्रसन्न हों, वे प्रजाजनों को प्रसन्न करें जिससे एक दूसरे की रक्षा से ऐश्वर्यसमूह नित्य बढ़े ॥ १० ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

हे सुजाता गिरो जुषाणाऽश्विना नरा नाधमाना वयं ययोर्वामवसे सुहवामहे ता युवां वसुमता रथेन नोऽस्मान् सुवितायोपायातम् ॥ १० ॥

Word-Meaning: - (ता) तौ (वाम्) युवाम् (नरा) नेतारौ स्त्रीपुरुषौ (सु) (अवसे) रक्षणाद्याय (सुजाता) शोभनेषु सद्विद्याग्रहणाख्यकर्मसु प्रादुर्भूतौ (हवामहे) आह्वयामहे (अश्विना) प्रजाङ्गपालकौ (नाधमानाः) प्राप्तपुष्कलैश्वर्याः (आ) (नः) अस्मान् (उप) (वसुमता) प्रशस्तानि सुवर्णादीनि विद्यन्ते यस्मिँस्तेन (रथेन) रमणीयेन विमानादियानेन (गिरः) शुभा वाणीः (जुषाणा) सेवमानौ (सुविताय) ऐश्वर्याय। अत्र सु धातोरौणादिक इतच् किच्च। (यातम्) प्राप्नुतम् ॥ १० ॥
Connotation: - प्रजास्थैः स्त्रीपुरुषैर्ये राजपुरुषाः प्रीयेरन् ते प्रजाजनान् सततं प्रीणयन्तु यतः परस्पराणां रक्षणेनैश्वर्यवृन्दो नित्यं वर्द्धेत ॥ १० ॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - प्रजेतील स्त्री-पुरुषांकडून ज्या राजपुरुषांना प्रेम मिळते व ते प्रसन्न होतात तेव्हा प्रजेलाही ते प्रसन्न करतात. परस्पर रक्षण केल्यामुळे त्यांची ऐश्वर्यसंपन्नता सदैव वाढावी. ॥ १० ॥