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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
ईश्वर के गुणों का उपदेश
Word-Meaning: - (वयम्) हम लोग (वृषभम्) सर्वश्रेष्ठ, (वाजिनम्) महाबलवान् (पौर्णमासम्) पौर्णमास [सम्पूर्ण परिमेय पदार्थों के आधार परमेश्वर] को (यजामहे) पूजते हैं। (सः) वह (नः) हमें (अक्षिताम्) विना घटी हुई और (अनुपदस्वतीम्) बिना घटनेवाली (रयिम्) सम्पत्ति (ददातु) देवे ॥२॥
Connotation: - मनुष्य सर्वशक्तिमान् परमेश्वर की उपासना करके पुरुषार्थ के साथ ऐश्वर्यवान् होवें ॥२॥
Footnote: २−(वृषभम्) अ० ४।५।१। सर्वश्रेष्ठम् (वाजिनम्) महाबलिनम् (वयम्) (पौर्णमासम्)-म० १। सम्पूर्णपरिमेयपदार्थाधारं परमेश्वरम् (यजामहे) पूजयामः (सः) पौर्णमासः (नः) अस्मभ्यम् (ददातु) (अक्षिताम्) अक्षीणाम् (रयिम्) सम्पत्तिम् (अनुपदस्वतीम्) उपभोगेऽपि क्षयरहिताम् ॥