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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
१-५ रोगनाश
Word-Meaning: - (पक्षी) पंखवाला [उड़ाऊ] (जायान्यः) क्षयरोग (पतति) उड़ता है, (सः) वह (पूरुषम्) पुरुष में (आ विशति) प्रवेश कर जाता है। (तत्) यह (अक्षितस्य) भीतर व्यापे हुए (च) और (सुक्षतस्य) बहुत फोड़ोंवाले, (उभयोः) दोनों प्रकार के [क्षयरोग] की (भेषजम्) ओषधि है ॥४॥
Connotation: - सद्वैद्य भीतरी और बाहिरी लक्षणों से रोग की पहिचान कर निवृत्ति करे ॥४॥
Footnote: ४−(पक्षी) पक्षवान्। शीघ्रगतिः (जायान्यः) म० ३। क्षयरोगः (पतति) शीघ्रं गच्छति (सः) (आविशति) प्रविशति (पूरुषम्) पुरुषम्। शरीरम् (तत्) (अक्षितस्य) अक्षू व्याप्तौ-क्त। अन्तर्व्याप्तस्य क्षयस्य (भेषजम्) औषधम् (उभयोः) अक्षितसुक्षतयोः (सुक्षतस्य) क्षणु हिंसायाम्-क्त। बहुव्रणयुक्तस्य ॥