प्रकृति के लक्षण का उपदेश।
Word-Meaning: - (अदितिः=अदितेः) अदीन वा अखण्डित अदिति अर्थात् प्रकृति से (द्यौः) प्रकाशमान सूर्य, (अदितिः) अदिति से (अन्तरिक्षम्) मध्यवर्ती आकाश, (अदितिः) अदिति से (माता) हमारी माता, (सः पिता) वह हमारा पिता, (सः पुत्रः) वह हमारा पुत्र [सन्तान] है। (अदितिः) अदिति से (विश्वे) सब (देवाः) दिव्य गुणवाले पदार्थ, (अदितिः) अदिति से (पञ्च) विस्तृत [वा पञ्चभूत रचित] (जनाः) सब जीव, (अदितिः) अदिति से (जातम्) उत्पन्न जगत् और (जनित्वम्) उत्पन्न होनेवाला जगत् है ॥१॥
Connotation: - जो संसार उत्पन्न हुआ है और जो आगे उत्पन्न होगा, वह सब ईश्वरनियम के अनुसार अदिति वा प्रकृति अर्थात् जगत् के कारण से रचा जाता है ॥१॥ यह मन्त्र ऋक्० में है-म० १।८९।१०, यजु० २५।२३। और निरु० ४।२३। में है। भगवान् यास्क मुनि कहते हैं [इत्यदितेर्विभूतिमाचष्ट एनान्यदीनानीति वा] यह मन्त्र अदिति की महिमा कहता है अथवा यह सब वस्तुएँ अदीन हैं-निरु० ४।२३ ॥