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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
शान्ति करने के लिये उपदेश।
Word-Meaning: - [हे मनुष्यो !] (वः) तुम्हारे (मनांसि) मनों को (सम्) ठीक रीति से, (व्रता=व्रतानि) कर्मों को (सम्) ठीक रीति से (आकूतीः) संकल्प को (सम्) ठीक रीति से (नमामसि=०−मः) हम झुकते हैं। (अमी ये) यह जो तुम (विव्रताः) विरुद्धकर्मी (स्थन) हो, (तान् वः) उन तुमको (सम्) ठीक रीति से (नमयामसि=०−मः) हम झुकाते हैं ॥१॥
Connotation: - प्रधान पुरुष सब के उत्तम विचारों, उत्तम कर्मों और उत्तम मनोरथों का माने और धर्मपथ में विरुद्ध मतवालों को भी सहमत कर लेवे ॥१॥ यह मन्त्र आ चुका है−अ० ३।८।५ ॥
Footnote: १−पूर्ववद् व्याख्येयः−अ० ३।८।५ ॥