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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
रोग के नाश के लिये उपदेश।
Word-Meaning: - (यथा) जैसे (वृत्रः) मेघ ने (विश्वधा) सब ओर (यतीः) बहती हुई (इमाः) इन (आपः=अपः) जलधाराओं को (तस्तम्भ) रोका था। (एव) वैसे ही (ते) तेरे (यक्ष्मम्) राजरोग को (वैश्वानरेण) सब मनुष्यों के हित करनेवाले (अग्निना) अग्नि से (वारये) मैं हटाता हूँ ॥३॥
Connotation: - जैसे मेघ ईश्वरनियम से जल की भाफों को मेघमण्डल में रोक लेता है, उसी प्रकार वैद्य रोगी की पाचन शक्ति ठीक करके रोग को रोक दे ॥३॥
Footnote: ३−(यथा) येन प्रकारेण (वृत्रः) अ० २।५।३। आवरको मेघः−निघ० १।१०। (इमाः) परिदृश्यमानाः (आपः) अपः। जलानि (तस्तम्भ) ष्टभि गतिप्रतिबन्धे। अवरुरोध (विश्वधा) सर्वतः (यतीः) इण् गतौ−शतृ, ङीप्। गच्छन्ती (एव) एवम्। तथा (ते) त्वदीयम् (अग्निना)। जाठराग्निना (यक्ष्मम्) राजरोगम् (वैश्वानरेण) अ० १।१०।४। विश्वनरहितेन (वारये) निवारयामि ॥