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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
केश के बढ़ाने का उपदेश।
Word-Meaning: - [हे नितत्नी !] (प्रत्नान्) पुराने [केशों] को (दृंह) दृढ कर, (अजातान्) बिना उत्पन्न हुओं को (जनय) उत्पन्न कर, (उ) और (जातान्) उत्पन्न हुओं को (वर्षीयसः) बहुत लम्बा (कृधि) बना ॥२॥
Connotation: - इस मन्त्र में नितत्नी ओषधि के गुणों का वर्णन है ॥२॥
Footnote: २−(दृंह) दृढीकुरु (प्रत्नान्) पुरातनान् केशान् (जनय) उत्पादय (अजातान्) अनुत्पन्नान् (जातान्) (उ) अपि (वर्षीयसः) अ० ४।९।८। वृद्ध−ईयसुन्। प्रवृद्धतरान् (कृधि) कुरु ॥