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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
खान-पान का उपदेश।
Word-Meaning: - (यत्) जो कुछ [जल दुग्ध आदि] (पिबामि) मैं पीता हूँ, (सम्) यथाविधि (पिबामि) पीता हूँ (इव) जैसे (संपिबः) यथाविधि पीनेवाला (समुद्रः) समुद्र [खाकर पचा लेता है]। (अमुष्य) उस [पदार्थ] के (प्राणान्) जीवन बलों को (संपाय) चूस कर (अमुम्) उस [पदार्थ] को (सम्) यथाविधि (वयम्) हम (पिबामः) पीवें ॥२॥
Connotation: - मनुष्य न्यूनाधिक मात्रा और देश काल का विचार करके जल दुग्ध आदि पीकर पुष्टि बढ़ाकर सुख प्राप्त करें ॥२॥
Footnote: २−(यत्) जलदुग्धादिपानम् (पिबामि) (सम्) यथाविधि (संपिबः) पाघ्राध्माधेट्दृशः शः। पा० ३।१।१३७। इति पा पाने−श प्रत्ययः। सम्यक् पाता (प्राणान्) जीवनबलानि (अमुष्य) तस्य पदार्थस्य (सम्पाय) सम्यक् पीत्वा (सम्) (पिबामः) (अमुम्) पदार्थम् (वयम्) पानकर्तारः ॥