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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
महिमा पाने के लिये उपदेश।
Word-Meaning: - (यथा) जैसे (सूर्यस्य) सूर्य की (रश्मयः) किरणें (आशुमत्) शीघ्र (परापतन्ति) आगे बढ़ती जाती हैं। (एव) वैसे ही [हे मनुष्य !] (त्वम्) तू (कासे) ज्ञान वा उपाय के बीच (समुद्रस्य) अन्तरिक्ष के (विक्षरम् अनु) प्रवाहस्थान [मेघमण्डल आदि] की ओर (प्रपत) आगे बढ़ ॥३॥
Connotation: - मनुष्य सूर्य की किरणों के समान बेरोक शीघ्रगामी होकर विज्ञानपूर्वक पुष्पक विमान आदि द्वारा अन्तरिक्ष में प्रवेश करे ॥३॥
Footnote: ३−(सूर्यस्य) भूचन्द्रादिलोकप्रेरकस्यादित्यस्य (रश्मयः) अ० २।३२।१। व्यापनाः किरणाः (समुद्रस्य) अ० १।३।८। अन्तरिक्षस्य−निघ० १।३। (विक्षरम्) विविधं क्षरणं प्रवाहो यस्मिन् तं देशं मेघमण्डलादिलोकम्। अन्यत्पूर्ववत्−म० १ ॥