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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
महिमा पाने के लिये उपदेश।
Word-Meaning: - (यथा) जैसे (मनः) मन (मनस्केतैः) मन के विषयों के साथ (आशुमत्) शीघ्रता से (परापतति) आगे बढ़ता जाता है। (एव) वैसे ही [हे मनुष्य !] (त्वम्) तू (कासे) ज्ञान वा उपाय के बीच (मनसः) मन के (प्रवाय्यम् अनु) प्राप्ति योग्य देश की ओर (प्र पत) आगे बढ़ ॥१॥
Connotation: - मनुष्य मन की कुवृत्तियों को रोक कर ज्ञानपूर्वक शुभकर्म में शीघ्र लगावे ॥१॥
Footnote: १−(यथा) येन प्रकारेण (मनः) मननसाधकमिन्द्रियम् (मनस्केतैः) कित ज्ञाने−घञ्। अन्तःकरणस्य ज्ञायमानैर्विषयैः सह (परापतति) आभिमुख्येन गच्छति (आशुमत्) यथा तथा। शीघ्रम् (एव) एवम् (त्वम्) हे मनुष्य त्वम् (कासे) कस गतौ−घञ्। ज्ञाने। उपाये (मनसः) अन्तःकरणस्य (अनु) अनुलक्ष्य (प्रवाय्यम्) भय्यप्रवय्ये च च्छन्दसि। पा० ६।१।८३। इति प्र+वा गतौ−यत्, अयादेशश्च, छान्दसो दीर्घः। प्रवय्यं प्रगन्तव्यं देशम्। अवधिम् ॥