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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
सभापति के कर्तव्य का उपदेश।
Word-Meaning: - (शतक्रतो) हे सैकड़ों कर्मों वा बुद्धियोंवाले (नः) हमारी (ऊतये) रक्षा के लिये (अस्मिन्) इस (वाजे) सङ्ग्राम में (ऊर्ध्वः) ऊपर (तिष्ठ) ठहर, (अन्येषु) दूसरे कामों पर (सम्) मिलकर (ब्रवावहै) हम दोनों बात करें ॥३॥
Connotation: - विद्वान् लोग प्रजापालक सेनापति से बात-चीत करके कर्तव्य को करते हुए और अकर्तव्य को छोड़ते हुए युद्ध में विजय प्राप्त करें ॥३॥
Footnote: ३−(ऊर्ध्वः) उन्नतः (तिष्ठ) (नः) अस्माकम् (ऊतये) रक्षायै (अस्मिन्) (वाजे) संग्रामे (शतक्रतो) बहुकर्मन्। बहुप्रज्ञ (सम्) मिलित्वा (अन्येषु) युद्धाद् भिन्नविषयेषु (ब्रवावहै) आवां विचारयाव ॥