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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
परमात्मा के गुणों का उपदेश।
Word-Meaning: - (कः) कौन (एषाम्) इनके बीच (कर्करी) कर्करी [झारी जलपात्र, वा जलतरंग आदि बाजा] लिखत्) छोड़े [बजावे] ॥८॥
Connotation: - चुने हुए विद्वान् मनुष्य और विदुषी स्त्रियाँ संसार में उत्तम उत्तम बाजों के साथ वेद-विद्या का गान करके आत्मा और शरीर की बल बढ़ानेवाली चमत्कारी क्रियाओं का प्रकाश करें ॥८-१२॥
Footnote: ८−(कः) (एषाम्) मनुष्याणां मध्ये (कर्करी) अर्त्तिकमिभ्रमि०। उ० ३।१३२। सौत्रो धातुः, कर्क हासे-अरप्रत्ययः, यद्वा, कर्कं हासं राति, रा दाने-क, गौरादित्वात् ङीष्, विभक्तेर्लुक्। कर्करीम्। सनालजलपात्रम्। जलतरङ्गादिवाद्यम् (लिखत्) लिख अक्षरविन्यासे। अक्षरविन्यासरीत्या वादयेत् ॥