Go To Mantra

पर्या॑गारं॒ पुनः॑पुनः ॥

Mantra Audio
Pad Path

परिऽआगारम् । पुन:ऽपुन: ॥१३२.१२॥

Atharvaveda » Kand:20» Sukta:132» Paryayah:0» Mantra:12


Reads times

PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI

परमात्मा के गुणों का उपदेश।

Word-Meaning: - (देवी) देवी [उत्तम प्रजा, मनुष्य वा स्त्री] (पर्यागारम्) घर-घर पर (पुनःपुनः) बार-बार (हनत्) बजावे और (कुहनत्) चमत्कार दिखावे ॥११, १२॥
Connotation: - चुने हुए विद्वान् मनुष्य और विदुषी स्त्रियाँ संसार में उत्तम उत्तम बाजों के साथ वेद-विद्या का गान करके आत्मा और शरीर की बल बढ़ानेवाली चमत्कारी क्रियाओं का प्रकाश करें ॥८-१२॥
Footnote: १२−(पर्यागारम्) परि+अग कुटिलायां गतौ-घञ्, आगमृच्छति ऋ गतौ-अण्। आगारं गृहम्। प्रतिगृहम्। (पुनःपुनः) वारंवारम् ॥