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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।
Word-Meaning: - (शतम्) सौ (हिरण्ययाः) सुनहरे (आश्वाः) घोड़े हैं। (शतम्) सौ (हिरण्ययाः) सुनहरे (रथ्याः) रथ हैं। (शतम्) सौ (हिरण्ययाः) सुनहरी (कुथाः) हाथी की झूलें हैं। (शतम्) सौ (हिरण्ययाः) सुनहरे (निष्काः) हार हैं ॥॥
Connotation: - मनुष्य पूर्वज विद्वानों के समान विघ्नों को हटाकर अनेक प्रकार के ऐश्वर्य प्राप्त करें ॥१-॥
Footnote: −(शतम्) (आश्वाः) स्वार्थे अण्। अश्वाः। तुरगाः (हिरण्ययाः) हिरण्यमयाः। सुवर्णयुक्ताः। तेजोमयाः (शतम्) (रथ्याः) खलगोरथात्। पा० ४।२।०। रथ-य। रथसमूहाः (हिरण्ययाः) (शतम्) (कुथाः) कुथ, कुन्थ संश्लेषणे-अच्। गजपृष्ठस्थचित्रकम्बलाः। (हिरण्ययाः) (शतम्) (निष्काः) निस् निश्चयेन+कै शब्दे-क। उरोभूषणानि। हाराः (हिरण्ययाः) ॥