Go To Mantra

इरा॑वेदु॒मयं॑ दत ॥

Mantra Audio
Pad Path

इरावेदुमयम् । दत ॥१३०.१६॥

Atharvaveda » Kand:20» Sukta:130» Paryayah:0» Mantra:16


Reads times

PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI

मनुष्य के लिये पुरुषार्थ का उपदेश।

Word-Meaning: - (इरावेदुमयम्) भूमि के ज्ञानवाला व्यवहार [उस को] (दत) तुम दो ॥१६॥
Connotation: - विद्वान् लोग गुणवती स्त्री के सन्तानों को उत्तम शिक्षा देकर महान् विद्वान् और उद्योगी बनावें। ऐसा न करने से बालक निर्गुणी और पीड़ादायक होकर कुत्ते के समान अपमान पाते हैं ॥१-२०॥
Footnote: १६−(इरावेदुमयम्) ऋज्रेन्द्राग्र०। उ० २।२८। इण् गतौ-रन्, गुणाभावः। भृमृशीङ्०। उ० १।७। विद ज्ञाने-उप्रत्ययः। इराया भूमेर्ज्ञानयुक्तं व्यवहारम् (दत) तलोपः। यूयं दत्त ॥