Reads times
PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
मनुष्य के लिये पुरुषार्थ का उपदेश।
Word-Meaning: - (त्वा) तुझसे (नः) हमारा (सखा) सखा [साथी] (मा अभि विदन्) कभी न मिले ॥१४॥
Connotation: - मनुष्य अपने मित्रों को दुष्टों से कभी न मिलने देवे ॥१३, १४॥
Footnote: १४−(मा) निषेधे (त्वा) त्वाम् (अभिः) सर्वतः (सखा) (नः) अस्माकम् (विदन्) प्राप्नोतु ॥