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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
मनुष्य के कर्तव्य का उपदेश।
Word-Meaning: - (यः) जो (ब्रह्मणः) ब्रह्मा [वेदज्ञानी] का (पुत्रः) पुत्र (सुब्रह्मा) सुब्रह्मा [बड़ा वेदज्ञानी, सुमार्गी], (आक्ताक्षः) शुद्ध व्यवहारवाला और (सुभ्यक्तः) बड़ा विख्यात हो, वह (सुमणिः) बहुत मणियों [रत्नों]वाला और (सुहिरण्यवः) बड़ा तेजस्वी होवे, (तोता) यह-यह कर्म (कल्पेषु) शास्त्रविधानों में (संमिता) प्रमाणित है ॥७॥
Connotation: - विद्वान् का सन्तान विद्वान् होने से ही संसार में प्रतिष्ठा पावे, यह वेदमत है ॥७॥
Footnote: ७−(यः) सन्तानः (आक्ताक्षः) म० ६। आ+अञ्जू-क्त। शुद्धव्यवहारयुक्तः (सुभ्यक्तः) म० ६। सु+अभि+अञ्जू-क्त। अकारलोपः। बहुविख्यातः (सुमणिः) बहुरत्नयुक्तः (सुहिरण्यवः) महातेजस्वी (सुब्रह्मा) महावेदज्ञः (ब्रह्मणः) वेदज्ञस्य। अन्यद् गतम् ॥