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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
परमेश्वर की प्रार्थना का उपदेश।
Word-Meaning: - (वसो) हे बसानेवाले ! (शतक्रतो) हे सैकड़ों कर्मोंवाले ! [परमेश्वर] (त्वम्) तू (हि) ही (नः) हमारा (पिता) पिता और (त्वम्) तू ही (माता) माता (बभूविथ) हुआ है, (अध) इसलिये (ते) तेरे (सुम्नम्) सुख को (ईमहे) हम माँगते हैं ॥२॥
Connotation: - परमेश्वर सदा से सब सृष्टि का पालन-पोषण करता है, हम उसीसे प्रार्थना करके पुरुषार्थ के साथ सुखी होवें ॥२॥
Footnote: २−(त्वम्) (हि) (नः) अस्माकम् (पिता) पालकः (वसो) वासयितः (त्वम्) (माता) जननीवद् धारकः (शतक्रतो) बहुकर्मन् (बभूविथ) (अध) अनन्तरम् (ते) तव (सुम्नम्) सुखम् (ईमहे) याचामहे ॥२॥