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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
परमेश्वर के गुणों का उपदेश।
Word-Meaning: - [हे परमेश्वर !] (बृहन्) बड़ा (क्षयः) ऐश्वर्यवान् (विष्णु) व्यापक सूर्य, (मित्रः) प्रेरक वायु और (वरुणः) स्वीकार करने योग्य जल (त्वाम्) तेरी (गृणाति) बड़ाई करता है। (त्वाम् अनु) तेरे पीछे (मारुतम्) शूर पुरुषों का (शर्धः) बल (मदति) तृप्त होता है ॥३॥
Connotation: - जिस परमात्मा के बल से सब सूर्य आदि में बल है, उस सर्वशक्तिमान् की उपासना करके सब मनुष्य आत्मबल बढ़ावें ॥३॥
Footnote: ३−(त्वाम्) (विष्णुः) व्यापकः सूर्यः (बृहन्) महान् (क्षयः) क्षि ऐश्वर्ये-अच्। ऐश्वर्यवान् (मित्रः) प्रेरको वायुः (गृणाति) स्तौति (वरुणः) स्वीकरणीयं जलम् (त्वाम्) (शर्धः) बलम् (मदति) हृष्यति (अनु) अनुसृत्य (मारुतम्) मरुतां शूरपुरुषाणामिदम् ॥