Reads times
PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
सुख की प्राप्ति का उपदेश।
Word-Meaning: - [हे परमात्मन् !] (नः) हमारे लिये (स्वस्ति) कल्याण [सुन्दर सत्ता] (अस्तु) होवे (नः) हमारे लिये (अभयम्) अभय (अस्तु) होवे, [हमें] (अहोरात्राभ्याम्) दोनों दिन-राति के लिये (नमः) अन्न (अस्तु) होवे ॥७॥
Connotation: - मनुष्य अपनी सत्ता को सुधार कर सदा निर्भय होकर अन्न आदि प्राप्त करें ॥७॥
Footnote: इस मन्त्र का अन्तिम पाद म० २ में आया है ॥ ७−(स्वस्ति) कल्याणम्। सुष्ठु अस्तित्वम् (नः) अस्मभ्यम् (अस्तु) भवतु (अभयम्) भयराहित्यम् (नः) (अस्तु)। अन्यत् पूर्ववत्-म० २ ॥