Go To Mantra

वाङ्म॑ आ॒सन्न॒सोः प्रा॒णश्चक्षु॑र॒क्ष्णोः श्रोत्रं॒ कर्ण॑योः। अप॑लिताः॒ केशा॒ अशो॑णा॒ दन्ता॑ ब॒हु बा॒ह्वोर्बल॑म् ॥

Mantra Audio
Pad Path

वाक्। मे। आसन्। नसोः। प्राणः। चक्षुः। अक्ष्णोः। श्रोत्रम्। कर्णयोः। अपलिताः। केशाः। अशोणाः। दन्ताः। बहु। बाह्वोः। बलम् ॥६०.१॥

Atharvaveda » Kand:19» Sukta:60» Paryayah:0» Mantra:1


Reads times

PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI

शरीर के स्वास्थ्य का उपदेश।

Word-Meaning: - [हे परमात्मन् !] (मे) मेरे (आसन्) मुख में (वाक्) वाणी, (नसोः) दोनों नथनों में (प्राणः) प्राण, (अक्ष्णोः) दोनों आँखों में (चक्षुः) दृष्टि, (कर्णयोः) दोनों कानों में (श्रोत्रम्) सुनने की शक्ति, (केशाः) केश (अपलिताः) अनभूरे, (दन्ताः) दाँत (अशोणाः) अचलायमान [वा अरक्त वर्ण], और (बाह्वोः) दोनों भुजाओं में (बहु) बहुत (बलम्) बल [होवे] ॥१॥
Connotation: - मनुष्यों को उचित आहार-विहार, व्यायाम, योगाभ्यास आदि से अपने शरीर और आत्मा दृढ़ रखने चाहिएँ ॥१, २॥
Footnote: १−(वाक्) वाणी (मे) मम (आसन्) आस्नि। आस्ये। मुखे (नसोः) नासिकाच्छिद्रयोः (प्राणः) शरीरधारको वायुः (चक्षुः) दृष्टिः (अक्ष्णोः) नेत्रयोः (श्रोत्रम्) श्रुतिः (कर्णयोः) श्रवणयोः (अपलिताः) अश्वेताः (केशाः) (अशोणाः) शोण गतौ-अच्। अचलायमानाः। अरक्तवर्णाः (दन्ताः) (बहु) प्रभूतम् (बाह्वोः) भुजयोः (बलम्) सामर्थ्यम् –॥