आ दे॒वाना॒मपि॒ पन्था॑मगन्म॒ यच्छ॒क्नवा॑म॒ तद॑नु॒प्रवो॑ढुम्। अ॒ग्निर्वि॒द्वान्त्स य॑जा॒त्स इद्धोता॒ सोऽध्व॒रान्त्स ऋ॒तून्क॑ल्पयाति ॥
आ। देवानाम्। अपि। पन्थाम्। अगन्म। यत्। शक्नवाम। तत्। अनुऽप्रवोढुम्। अग्निः। विद्वान्। सः। यजात्। सः। इत्। होता। सः। अध्वरान्। सः। ऋतून्। कल्पयाति ॥५९.३॥
PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
उत्तम मार्ग पर चलने का उपदेश।