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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
काम की प्रशंसा का उपदेश।
Word-Meaning: - (कामेन) काम [कर्मफल इच्छा] के साथ (कामः) काम [आशा] (हृदयात्) [एक] हृदय से (हृदयं परि) [दूसरे] हृदय में होकर (मा) मुझको (आ अगन्) प्राप्त हुआ है। (अमीषाम्) इन [विद्वानों] का (यत्) जो (अदः) वह (मनः) मनन है, (तत्) वह (माम्) मुझको (इह) यहाँ (उप) आदर से (आ एतु) प्राप्त होवे ॥४॥
Connotation: - मनुष्य विद्वानों से विद्याएँ प्राप्त करके दृढ़ आशाएँ करता हुआ उन्नति करता रहे ॥४॥
Footnote: ४−(कामेन) कर्मफलेच्छया सह (मा) माम् (कामः) अभिलाषः (आ अगन्) गमेर्लुङि च्लेर्लुकि मकारस्य नकारः। आगतवान् (हृदयात्) एकस्य अन्तःकरणात् (हृदयम्) द्वितीयस्य अन्तःकरणम् (परि) प्रति (यत्) (अमीषाम्) विदुषाम् (अदः) तत् (मनः) मननम् (तत्) (आ एतु) प्राप्नोतु (उप) आदरेण (माम्) (इह) अत्र ॥